20 साल में पहली बार बिना वसुंधरा राजे झालावाड़ पहुंची BJP की यात्रा, बेटे दुष्यंत ने कही ये बात

20 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि बीजेपी की यात्रा बिना वसुंधरा राजे के झालावाड़ पहुंच गई. परिवर्तन संकल्प यात्रा में न होना कहीं न कहीं यात्रा को प्रभावित कर रहा है. स्थानीय नेताओं में निराशा का माहौल है और यात्रा में अपेक्षित भीड़ भी नहीं पहुंच पा रही है.

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वसुंधरा राजे (फाइल फोटो).

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की परिवर्तन संकल्प यात्रा (Parivartan Sankalp Yatra) बारां जिले में अपना सफर पूरा करने के बाद मंगलवार को अकलेरा के कलमोदिया चौराहे पर पहुंची, जहां से यात्रा ने झालावाड़ जिले की सीमा में प्रवेश किया. लेकिन ऐसा पहली हुआ जब भाजपा की कोई यात्रा स्थानीय विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के बिना झालावाड़ पहुंची. आज गुरुवार को भी यह यात्रा राजे की विधानसभा झालरापाटन में पूरे दिन मौजूद रहेगी, किंतु राजे के आज भी यहां मौजूद रहने का कोई संकेत नहीं है.

बीजेपी ने जारी किया था शेड्यूल

परिवर्तन यात्रा के रथ एवं अन्य गाड़ियों पर राजे के पोस्टर भरपूर लगे हुए हैं. भाजपा ने उनका यात्रा में शामिल होने का कार्यक्रम भी जारी गया था. लेकिन वसुंधरा राजे का यात्रा में नहीं पहुंचना उनके समर्थकों को काफी खल रहा है. कार्यकर्ताओं में वह उत्साह नजर नहीं आ रहा जो वसुंधरा राजे के साधारण दौरे के समय भी देखने को मिलता रहा है. हांलाकि इस बार झालावाड़ जिले में भाजपा की यात्रा को वसुंधरा राजे सिंधिया के सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह (Dushyant Singh) लेकर पहुंचे है. पिछली सभी यात्राओं में वसुंधरा राजे की मौजूदगी के चलते जबरदस्त उत्साह देखने को मिला था जो इस बार काफी कम रहा.

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झालावाड़ पहुंची बीजेपी की परिवर्तन संकल्प यात्रा.

2003 से अबतक निकलीं 4 यात्राएं

बताते चलें कि वर्ष 2003 से लेकर अब तक बीजेपी द्वारा प्रदेश में कुल 4 यात्राएं निकाली गईं, जिनमें से 3 की कमान राजे के हाथों में रही. 2003 में राजसमंद के चारभुजा मंदिर से यात्रा शुरू हुई थी, जिसने 13000 किलोमीटर का सफर तय किया और प्रदेश में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी. इसी तरह 2013 में सुराज संकल्प यात्रा निकाली गई और एक बार फिर से प्रदेश में भाजपा सत्ता में आई और वसुंधरा राजे ही सीएम बनीं. हाडोती में भाजपा ने शानदार जीत हासिल की. लेकिन इस बार झालावाड़ जिले में यात्रा के दौरान वसुंधरा राजे सिंधिया की मौजूदगी नहीं है जो कहीं ना कहीं यात्रा को प्रभावित कर रही है. 

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बेटे ने बताया क्यों नहीं आईं राजे?

राजे के न आने से यात्रा में अपेक्षित भीड़ नहीं पहुंच पा रही है, और स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं में निराशा का माहौल भी देखने को मिल रहा है. हालांकि यात्रा की कमान इस बार वसुंधरा राजे सिंधिया के सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह के हाथ में है, जिनका कहना है कि राजे फिलहाल यात्रा में अपनी व्यस्तता एवं निजी कार्यक्रमों के चलते नहीं पहुंच पाई हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा का कार्यकर्ता राजे के सानिध्य में कम कर रहा है, तथा भाजपा बड़ी जीत की ओर अग्रसर है. आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी राजस्थान में कांग्रेस को उखाड़ देगी. वहीं मनोहर थाना विधायक गोविंद रानी पुरिया और कार्यवाहक अध्यक्ष संजय जैन आधिकारिक तौर पर बताया कि राजे किसी आवश्यक कार्यक्रम के चलते हैं यात्रा में नहीं पहुंच पाई हैं किंतु सभी कार्यकर्ता उनके सानिध्य में पूरे उत्साह के साथ काम कर रहे हैं.

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