Rajasthan Politics: राजस्थान में चंडीगढ़ मेयर चुनाव जैसी व्यवस्थाएं? विधायक बोले- 'BJP हारने लगी तो अंतिम समय पर स्थगित करा दिया इलेक्शन'

अमित चाचाण ने कहा कि चुनाव हारने के डर से भादरा नगर पालिकाध्यक्ष के चुनाव को अंतिम समय पर स्थगित किया गया. भाजपा अपना चुनावी मैनेजमेंट चंडीगढ़ मेयर चुनाव जैसा नहीं बना पाई. कांग्रेस चुनाव जीत रही थी, लेकिन आखिरी समय चुनाव स्थगित कर दिया गया.

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कांग्रेस विधायक अमित चाचाण.

Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र (Rajasthan Budget Session 2024) के दौरान हंगामे का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा. शून्यकाल के दौरान कांग्रेस (Congress) विधायक अमित चाचाण (Amit Chachan) ने भादरा नगर पालिका के उप चुनाव (Bhadra Municipality By-elections) में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग कर चुनाव निरस्त करने का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर संविधान की हत्या करने का आरोप लगाया. 

'अधिकारी की तबीयत खराब होने का बहाना'

अमित चाचान ने कहा, 'आठ दिन पहले भादरा नगरपालिका के उपचुनाव के दिन जब सारे पार्षद नगरपालिका में थे, तब चार घंटे के बाद निर्वाचन अधिकारी की तबीयत खराब होने की जानकारी देकर चुनाव स्थगित कर दिया गया. निर्वाचन अधिकारी को क्या बीमारी हुई थी? उनका किसी बोर्ड से परीक्षण करवाया या नहीं करवाया? इसकी जानकारी अभी तक नहीं सार्वजनिक की गई है.' इस मामले में विधानसभा के स्पीकर से संरक्षण की मांग करते हुए कांग्रेस विधायक ने चाचाण ने कहा- 'प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. आमतौर पर किसी भी चुनाव में विकल्प के तौर पर दूसरे निर्वाचन अधिकारी की व्यवस्था होती है, लेकिन बाद इस चुनाव में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं हुई.' 

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वैल में आकर काफी देर तक हुई नारेबाजी

अमित चाचाण ने कहा कि चुनाव हारने के डर से भादरा नगर पालिकाध्यक्ष के चुनाव को अंतिम समय पर स्थगित किया गया. भाजपा अपना चुनावी मैनेजमेंट चंडीगढ़ मेयर चुनाव जैसा नहीं बना पाई. कांग्रेस चुनाव जीत रही थी, लेकिन आखिरी समय चुनाव स्थगित कर दिया गया. इस पर सदन में हंगामा हो गया. कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, 'राजस्थान में चंडीगढ़ मेयर चुनाव जैसी व्यवस्थाएं नहीं होनी चाहिए. विपक्ष नगरपालिका चुनाव में सत्ता पक्ष की ओर से संवैधानिक व्यवस्था को भंग करने की जो कोशिश की गई है, उसकी निंदा करता है. सदन में विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया. सदस्यों ने वैल में आकर काफी देर तक नारेबाजी की.

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'हारे हुए प्रत्याशियों से प्रस्ताव ले रही भाजपा'

इससे पहले नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से विधायकों को सार्वजनिक निर्माण कार्यों के तहत मिलने वाली राशि को लेकर पूछा कि सड़कों को लेकर मिलने वाली राशि में ना केवल कटौती की गई है, बल्कि बीजेपी के हारे हुए प्रत्याशियों से प्रस्ताव लिए जा रहे हैं. कांग्रेस के शासन में प्रत्येक विधानसभा के लिए 10 करोड़ की राशि का प्रावधान था, जिसे अब 5 और 3 करोड़ कर दिया गया है. इसके अलावा पहली बार ऐसा हुआ है कि सरकार की तरफ से एक पत्र जारी कर हारे हुए भाजपा नेताओं से प्रस्ताव लिए जा रहे हैं.

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पन्नाधाय जीवन अमृत योजना पर भी हंगामा

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान शांति धारीवाल के पन्नाधाय जीवन अमृत योजना को पूछे गये सवाल पर मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर भी हंगामा हो गया. धारीवाल ने इस योजना में केंद्र से मिलने वाली राशि की जानकारी मांगी, लेकिन मंत्री अविनाश गहलोत ने बताया कि 2016- 17 में 27 करोड़ खर्च का ब्यौरा दिया. इस पर धारीवाल ने फिर पिछले साल कितना खर्च हुआ का जवाब मांगा तो अविनाश गहलोत ने कहा कि पिछले पांच साल आपकी सरकार थी. आपने कुछ नहीं किया. मंत्री के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली ने कहा कि बीपीएल परिवारों का मामला है. अध्यक्ष जी जवाब दिलाए. इस पर सदन में काफ़ी देर तक हंगामा चलता रहा.

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