राजस्थान में बीजेपी अध्यक्ष के बदलाव की चर्चा, क्या होगा अब नए चेहरे का गणित...

Rajasthan BJP President के बदलने को लेकर लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद से ही कयास लग रहे हैं.

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Rajasthan Politics: लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान ही राजस्थान में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष (Rajasthan BJP President) को बदलने की अटकलें लगने लगी थी. मगर नतीजों का इंतजार किया जा रहा था. 4 जून के नतीजों में राजस्थान में जो बड़ा सियासी बदलाव हुआ है, उसके बाद बीजेपी की राजस्थान ईकाई में बदलाव की चर्चा जोर पकड़ रही है. पिछले दो चुनावों में राज्य की सभी 25 सीटें जीतने वाली बीजेपी इस चुनाव में मात्र 14 सीट जीत सकी. कांग्रेस ने 8 सीटें जीतीं जबकि उसकी सहयोगी पार्टियों को 3 सीटें मिलीं. चुनावी तस्वीर साफ होने के बाद अब  राजस्थान में बीजेपी अध्यक्ष के बदलने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. 

हालांकि बीजेपी की ओर से किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन हाल ही में भजनलाल शर्मा ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान दिल्ली का दौरा किया था. उस वक्त वह अमित शाह से लेकर राजनाथ सिंह जैसे कई बड़े नेताओं से मिले. ऐसा कहा जा रहा है कि भजनलाल शर्मा ने अमित शाह के सामने पार्टी की परफॉर्मेंस की रिपोर्ट सौंपी थी. बताया जाता है कि उसमें यह भी कहा गया है कि पार्टी की हार के बड़े कारणों में राजस्थान में संगठन की निष्क्रियता को माना गया है. इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष के बदलाव की चर्चा ने और जोर पकड़ लिया है.

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बीजेपी पार्टी मजबूत करने की दिशा में लेगी फैसला

लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के बाद बीजेपी राज्यों में संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम करेगी यह निश्चित है. बीजेपी उन राज्यों में ज्यादा विश्लेषण करेगी जहां उम्मीद से कम सीटें आई हैं. इसमें राजस्थान का नाम भी शामिल होगा क्योंकि बीजेपी को यहां भारी नुकसान हुआ है. हालांकि इसके अलग-अलग कारण हैं. लेकिन एक सबसे बड़ा कारण जाट बेल्ट में बीजेपी की बड़ी हार दिखती है. ऐसे में राजस्थान में जातीय समीकरण को साधने की कवायद शुरू हो सकती है. 

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केंद्रीय मंत्रिमंडल में राजस्थान से शामिल होने वाले सांसदों का चुनाव भी जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर किया गया है. जिसमें गजेंद्र सिंह शेखावत, भूपेंद्र यादव, अर्जुन राम मेघवाल और भागीरथ चौधरी हैं. इसमें राजपूत, दलित, यादव और जाट समीकरण पर काम किया गया है. 

राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष और जातीय समीकरण

राजस्थान में मुख्यमंत्री और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दोनों ही ब्राह्मण हैं. ऐसे में पार्टी अध्यक्ष के रूप में किसी और को मौका देकर जातिगत राजनीति को साधने की कोशिश कर सकती है. चूकि चूरू, झुंझुनू, नागौर और सीकर जैसी बड़ी सीट पर बीजेपी की हार हुई है जो जाट बहुल्य क्षेत्र हैं. ऐसे में जाट समाज से किसी को बीजेपी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है. हालांकि OBC और SC से भी अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है क्योंकि राजस्थान में बीजेपी के लिए इन दोनों समुदायों का वोट भी  खिसका है. 

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उदाहरण के तौर पर देखें तो भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा जैसे सीटों पर SC वोटर्स का दबदबा रहता है. लेकिन इन सब सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई है. इन सीटों का बीजेपी के हाथ से जाना यह संकेत है कि चुनाव में SC वोटर बीजेपी के साथ नहीं रहा. ऐसे में बीजेपी अध्यक्ष के लिए SC चेहरे पर भी दांव खेला जा सकता है. 

राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष के लिए इन नामों की चर्चा

राजस्थान में बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए कुछ नामों की चर्चा भी हो रही है. इसमें राज्यसभा सांसद मदन सिंह राठौड़, गजेंद्र गहलोत की चर्चा हो रही है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुलाल सैनी, श्रवण सिंह बगड़ी और पूर्व मंत्री रहे राजेंद्र राठौड़ के नाम की भी चर्चा है. इसके साथ ही दलित चेहरे पर भी विचार किया जा सकता है.

हालांकि, इन चर्चाओं के बीच कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने मार्च 2023 में पद संभाला था. इसके बाद विधानसभा चुनाव में बीजेपी अच्छा प्रदर्शन कर राजस्थान में अपनी सरकार बनाने में कामयाब हुई. लोकसभा चुनाव में कुछ नुकसान हुआ है. लेकिन एक साल में ही प्रदेश अध्यक्ष बदलने का कोई औचित्य नहीं है. हालांकि राजस्थान में 5 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. ऐसे में पार्टी के लिए नेतृत्व परिवर्तन एक बड़ा फैसला होगा.

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