Rajasthan Politics: खींवसर सीट पर भाजपा की जीत के बाद राजस्थान में कई जगह लगे 'मूंछ' के पोस्टर और होर्डिंग

Rajasthan Politics:  राजस्थान की खींवसर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार की जीत के बाद इस इलाके के साथ साथ राजधानी जयपुर के सिविल लाइंस इलाके में 'मूंछ' के पोस्टर व होर्डिंग लगे हैं.

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Rajasthan Politics: राज्य के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने उपचुनाव के प्रचार के दौरान कहा था कि अगर भाजपा यह चुनाव नहीं जीती तो वह अपनी मूंछ मुंडवा लेंगे. सीट भाजपा के उम्मीदवार रेवंतराम डांगा ने जीत ली है. इसके बाद खींवसर में कई जगह 'मूंछ' वाले पोस्ट ‘खींवसर हैशटैग' के साथ नजर आए. सोमवार को जयपुर के सिविल लाइंस इलाके में भी मूंछ वाले पोस्टर-होर्डिंग्स सड़कों के किनारे लगे नजर आए. राज्य के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री का बंगला इसी इलाके में है.

रेवंतराम डांगा ने RLP की कन‍िका को हराया 

नागौर जिले की जाट बहुल खींवसर सीट राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल का गढ़ मानी जाती थी. भाजपा के रेवंतराम डांगा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आरएलपी की उम्मीदवार कनिका बेनीवाल को 13,901 मतों के अंतर से हराया. कनिका, बेनीवाल की पत्नी हैं.

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के घर सामने पोस्‍टर लगाया 

भाजपा उम्मीदवार की जीत के बाद मंत्री ने उनकी कसम और मूंछ का 'सम्मान' करने के लिए मतदाताओं का आभार व्यक्त किया. परिणाम घोषित होने के बाद मंत्री के समर्थक जीत का जश्न 'मूंछ' की जीत के रूप में मना रहे हैं. नतीजों के बाद जयपुर के सिविल लाइंस इलाके में स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के घर के बाहर समेत खींवसर में कई जगहों पर मूंछ के पोस्टर लगे हैं. सिविल लाइंस में मंत्री के बंगले के प्रवेश द्वार सहित अनेक स्थानों पर मूंछ के पोस्टर लगाए गए हैं.

मंत्री ने मतदाताओं का आभार जताया 

मंत्री ने कहा, "मैं मतदाताओं का आभारी हूं कि उन्होंने मेरी कसम का सम्मान किया. मैं और मेरा परिवार उनकी सेवा करता रहा है और करता रहेगा." हनुमान बेनीवाल ने 2008 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में खींवसर सीट जीती थी और 2013 के चुनाव में निर्दलीय के रूप में वह इस सीट से विधानसभा पहुंचे थे.

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2019 में हनुमान ने भाई को उपचुनाव में उतारा 

बाद में उन्होंने आरएलपी बनाई और 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जीत हासिल की. जाट नेता ने भाजपा के साथ गठबंधन करके नागौर से 2019 का लोकसभा चुनाव जीता और खींवसर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में अपने भाई नारायण बेनीवाल को मैदान में उतारा. नारायण बेनीवाल ने उपचुनाव जीता. आरएलपी 2023 के लोकसभा चुनाव में 'इंडिया' गठबंधन का हिस्सा थी और हनुमान वहां से फिर विधायक चुने गए. उनके 2024 में लोकसभा के लिए चुने जाने पर यह सीट खाली हो गई और उपचुनाव हुआ.

कांग्रेस ने रतन चौधरी को मैदान में उतारा 

इस बार कांग्रेस ने बिना किसी गठबंधन के उपचुनाव लड़ने का फैसला किया और रतन चौधरी को मैदान में उतारा. हालांकि, चौधरी केवल 5,454 वोट हासिल कर सकीं. नवनिर्वाचित भाजपा विधायक डांगा आरएलपी के गठन के समय हनुमान बेनीवाल के करीबी सहयोगी थे लेकिन बाद में पार्टी में अनदेखी के बाद वह अलग हो गए. उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया.

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बेनीवाल ने 2019 और 2024 में ज्‍योत‍ि म‍िर्धा को हराया 

पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुईं पूर्व कांग्रेस सांसद ज्योति मिर्धा ने डांगा को भाजपा में लाने में अहम भूमिका निभाई थी. हनुमान बेनीवाल और ज्योति मिर्धा पुराने प्रतिद्वंद्वी रहे हैं. बेनीवाल ने 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में मिर्धा को हराया था. स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर नागौर के खींवसर कस्बे से ताल्लुक रखते हैं. वह जोधपुर के लोहावट से विधायक हैं. वह खींवसर में भाजपा के चुनाव प्रबंधन की देखरेख कर रहे.

राज्य की सात सीट पर हाल ही में उपचुनाव हुआ. शनिवार को घोषित नतीजों में सत्तारूढ़ भाजपा ने पांच सीट जीतीं, जबकि कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने एक-एक सीट जीती.

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