Rajasthan Politics: 'दिल्ली से लिए जा रहे राजस्थान के निर्णय', PCC चीफ बोले- 'बिना मंत्रिमंडल सरकार चलाना...'

Rajasthan Cabinet: गोविंद सिंह डोटासरा ने जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, 'मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा स्वयं के विवेक से निर्णय ना लेकर, दिल्ली से गाइड किए जा रहे हैं.

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Rajasthan News: मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के 12 दिन बाद भी भजन लाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं कर पाए हैं, और करणपुर विधानसभा सीट पर होने वाले चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. ये सब देख विपक्षी कांग्रेस पार्टी हमलावर हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बाद अब पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने मंगलवार को राजस्थान की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है.

गोविंद सिंह डोटासरा ने जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, 'मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा स्वयं के विवेक से निर्णय ना लेकर, दिल्ली से गाइड किए जा रहे हैं. मैं उनसे कहना चाहूंगा कि मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री होता है. राजस्थान की जनता ने बीजेपी को जनादेश दिया है, और आपको हाईकमान ने मुख्यमंत्री बनाया है. आप बेरोजगारों के साथ में इस तरह का व्यवहार मत कीजिए. इनकी रोजी-रोटी को मत छीनिए.' डोटासरा ने कहा कि 'अगर भाजपा की राजनीतिक दुर्भावना सिर्फ नाम से थी, तो वो नाम बदल देते, लेकिन युवाओं को बेरोजगार क्यों किया? मैं उनसे कहना चाहता हूं कि राजीव गांधी इंटर्नशिप योजना का नाम बदलकर उसे पुन: लागू करें.'

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'अभी तक फरार हैं कन्हैलाल के हत्यारे'

चूरू जिले के सरदारशहर में हुई कन्हैया लाल मेघवाल की हत्या मामले पर भी प्रदेश सरकार को निशाने पर लेते हुए डोटासरा ने कहा, 'चुनाव से पहले बीजेपी ने पिछले 5 साल में बढ़ते अपराधों का मुद्दा बनाकर प्रदेश में माहौल बनाया. कांग्रेस पर कार्रवाई न करने के आरोप लगाए. लेकिन आज मैं पूछना चाहता हूं कि तारानगर विधानसभा क्षेत्र में एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. बीजेपी राज में हुई घटना के मुल्जिम अभी तक नहीं पकड़े गए. यहां तक की इस घटना में घायल शख्स जिन आरोपियों की पहचान बता रहा है, उन पर भी कार्रवाई नहीं हुई. सिस्टम का मजाक बनकर रह गया है.'

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'शायद मंत्रिमंडल का गठन हो ही ना'

मंत्रिमंडल गठन में देरी पर तंज कसते हुए डोटासरा ने कहा, '25 दिन बाद भी इनसे मंत्रिमंडल नहीं बना है. सीएमओ ने अधिकारी नहीं लगे. सारे ब्यूरोक्रेट्स हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. अच्छी पोस्ट पाने के लिए अपनी-अपनी लायजनिंग कर रहे हैं. कोई दिल्ली की भागदौड़ कर रहा है, कोई किसी नेता के पास जा रहा है, कोई मुख्यमंत्री से संपर्क कर रहा है. ऐसे में सरकार कौन चलाएगा? 25 दिन बाद भी ये समझ से परे है. राजस्थान की जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है कि ये हो क्या रहा है. ये मंत्रिमंडल बन क्यों नहीं रहा है. आखिर किसने अंगद का पैर लगाकर इसको रोक रखा है. ये समझ से परे है. मुख्यमंत्री बोलते हैं- जल्दी हो जाएगा मंत्रिमंडल का गठन. जल्दी का मतलब क्या है, ये सीएम को क्लियर करना चाहिए. क्योंकि ऐसी चर्चाएं होने लगी है कि शायद बीजेपी नया प्रयोग करते हुए राजस्थान में मंत्रिमंडल बनाए ही ना.'

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