Rajasthan: जयपुर के तीन स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है. सूचना पर जयपुर पुलिस मौके पर पहुंची.एडिशनल कमिशनर लॉ एंड ऑर्डर डॉ रामेश्वर ने बताया कि द मेयो, जय श्री पैरीवाल, द पैलेस स्कूल को मेल के ज़रिए धमकी मिली है. सूचना पर दमकल, सिविल डिफेंस, डॉग स्क्वाड पुलिस की टीम मौक़े पर पहुंची और छानबीन में जुटी है.
स्कूल में सघन चेकिंंग की
सिटी पैलेस स्थित द पैलेस स्कूल में रविवार को मेल आया था. स्कूल प्रशासन ने सोमवार को मेल चेक किया, तो उन्हें धमकी भरा मेल मिला. सूचना माणक चौक थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. स्कूल के बच्चों और टीचर्स को बाहर निकाला गया. डॉग स्क्वाड की टीम के साथ एक घंटे तक स्कूल में सघन चेकिंग की गई, लेकिन पुलिस को कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली. इसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली.
मेल में लिखा-
अगर पुलिस ने बलात्कारी दिविज की सही से जांच नहीं की और हैदराबाद की बलात्कार पीड़िता को न्याय नहीं दिलाया तो हम स्कूल के प्रधानाचार्य की भी हत्या कर देंगे, और टुकड़ों में काटकर काले सूटकेस में भर देंगे. यदि छात्रों की मृत्यु होती है और स्कूल प्रभावित होता है, तो पुलिस सक्रिय हो जाएगी.
धमकी भरा मेल.
"पुलिस के पास कोई शक्ति नहीं "
पुलिस के पास कोई शक्ति नहीं है. वे पेट बढ़ाकर खाते हैं और सो जाते हैं. वे रिश्वत चाहते हैं और हम न्याय चाहते हैं. हम आपको बम विस्फोट मेल भेज रहे हैं, क्योंकि बच्चों को यह जाने बिना नहीं मरना चाहिए कि वे क्यों मरने जा रहे हैं, तभी माता-पिता विरोध करेंगे, और बलात्कार पीड़िता को न्याय मिलेगा.
"यह कोई फर्जी बम विस्फोट नहीं है"
यह कोई फर्जी बम विस्फोट नहीं है. बलात्कार पीड़िता को न्याय दिलाकर छात्राओं को बचाओ. दिविज एक चेन स्मोकर, शराब का आदी है और वह युवा लड़कियों की तस्वीरों का उपयोग करके गलत काम करता है. दिविज युवा लड़कियों का आदी है. लड़कियां उससे बात करने से डरती हैं, उसके घटिया चरित्र के कारण. दिविज रामपुरा में रहते हैं.
बलात्कारी का नाम: दिविज पी
बलात्कारी पिता का नाम: प्रभाकर
रानी की माता का नाम: लक्ष्मी
स्टेडियम को 5 बार धमकी मिली
इससे पहले जयपुर में SMS स्टेडियम और कई स्कूलों को धमकी भरा मेल आया था. वह सभी झूठे निकले थे. जयपुर के एसएमएस स्टेडियम को पांच बार बम से उड़ाने की धमकी भरा मेल आया था. सभी धमकियां झूठी निकलीं. साइबर सेल धमकी भरे ईमेल्स में उपयोग किए जा रहे आईपी एड्रेस को ट्रैक करने की कोशिश क
टीक लोकेशन ट्रेस नहीं कर पाई
शुरुआती जांच में सामने आया है कि ये मेल्स जर्मनी, नीदरलैंड्स समेत कई अन्य देशों के आईपी एड्रेस से भेजे गए हैं. हालांकि, जांच अधिकारियों को शक है कि इन मेल्स को वीपीएन (VPN) के जरिए भेजा गया है, जिससे भेजने वालों की असली पहचान और लोकेशन छिपाई जा सकी है. यही वजह है कि पुलिस अब तक आरोपियों की सटीक लोकेशन ट्रेस नहीं कर पाई है.
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