Borwell Accident: राजस्थान के कोटपूतली में बोरवेल में गिरी साढ़े तीन साल की मासूम को बाहर निकालने के लिए 48 घंटे से संघर्ष जारी है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में लगी हुई है. अभी तक बाहर नहीं निकाल पाई. पहले देसी जुगाड़ से निकालने का प्रयास करते रहे. जब सफलता नहीं मिली तो मंगलवार देर रात पाइलिंग मशीन मंगवाई गई. बुधवार को 8 बजे बोरवेल के समानांतर एक और गड्ढा बनाने का काम शुरू हुआ, लेकिन उसे भी तीन घंटे बाद रोक दिया गया. 30 फीट तक खोदा गया. लेकिन, मिट्टी ढहने के ढर से रोक दिया गया. अधिकारियों का कहना है कि मिट्टी हटाने के बाद फिर से खुदाई शुरू की जाएगी.
"फूट-फूटकर रोने लगे चेतना के चाचा"
कैमरे में बच्ची चेतना का मूवमेंट भी अब नहीं दिख रहा है. पिछले 48 घंटे से चेतना के गड्ढे में फंसे होने से चाचा की हिम्मत जवाब दे गया. चेतना का चाचा फूट-फूटकर रोने लगा. चेतना के दादा ने उन्हें संभाला. तीसरे दिन लोगों के सब्र का बांध भी टूट गया. मौके पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. पुलिस को भीड़ को खदेड़ दिया.
23 दिसंबर को बोरवेल में गिर गई थी चेतना
सोमवार (23 दिसंबर) की दोपहर को चेतना अपने घर के परिसर में ही खेलते समय एक बोरवेल में गिर गई थी. दुर्घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए. शाम तक जयपुर से राज्य आपदा प्रबंधन बल SDRF और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधक बल NDRF की टीमें कोटपुतली के सरुण्ड थाना क्षेत्र में कीरतपुरा गांव पहुंच गईं और इसके बाद से लगातार बच्ची को बोरवेल से निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं.
बोरवेल में चौड़ाई कम होने से हो रही परेशानी
बोरवेल की चौड़ाई कम है जिससे दिक्कत आ रही है. ठंड के मौसम में नमी की वजह से भी बचाव अभियान बड़ी चुनौती बन गया है.बच्ची को लगातार ऑक्सीजन सप्लाई दी जा रही है. इसके लिए घटनास्थल पर 3-4 एंबुलेंस सोमवार दोपहर से तैनात हैं. वहां डॉक्टर भी मौजूद हैं.
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