Wedding in Rajsamand: राजस्थान में बहन का मायरा भरने के लिए भाई बैलगाड़ी पर सवार होकर पहुंचा. इसे जिसने भी देखा, उसने इस अनोखी मिसाल की तारीफ की. यह मामला राजसमंद का है, जब मुकेश कुमावत अपनी बहन का मायरा भरने के लिए बैलगाड़ी में सवार होकर पहुंचा. परंपराओं को जीवंत करने इस दृश्य ने शहरवासियों के दिलों को छू लिया. सोमवार को शहर की गलियों में पारंपरिक रूप से सजी बैलगाड़ी में मुकेश कुमावत अपनी पत्नी के साथ निकले.
डीजे पर गूंजे लोक गीत और सांस्कृतिक संगीत
बैलगाड़ी के आगे डीजे पर बजते राजस्थानी लोक गीतों और सांस्कृतिक संगीत ने माहौल को उत्सवमय बना दिया. इस अनोखी यात्रा को देखने के लिए सड़कों पर बड़ी संख्या में शहरवासी जमा हुए और तालियों के साथ उनका स्वागत किया. मायरा कार्यक्रम में पहुंचने पर परिवार और समाज के लोगों ने मुकेश और उनकी पत्नी का गर्मजोशी से अभिनंदन किया.
समाजजन बोले- लोग लंबे समय तक याद रखेंगे
इस मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि मुकेश का यह कदम न केवल रिश्तों की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि राजस्थान की सांस्कृतिक परंपराओं को भी जीवित रखने का एक अनूठा प्रयास है. शहर के सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने मुकेश के इस कार्य की जमकर सराहना की. समाज से जुड़े लोगों का कहना है, "इस तरह के प्रयास नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़े रखने की प्रेरणा देते हैं. मुकेश कुमावत का यह कार्य राजसमंद में एक मिसाल बन गया है, जिसे लोग लंबे समय तक याद रखेंगे."
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