31 जनवरी से राजस्थान विधानसभा में होगा बजट सत्र का आगाज, सर्वदलीय बैठक के साथ ही पक्ष और विपक्ष ने कसी कमर

राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होने वाला है. इसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही अपनी-अपनी तैयारी कर ली है.

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Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान में विधानसभा का 16वां सत्र शुरू होने वाला है. यह बजट सत्र होगा और इसका आगाज 31 जनवरी से होने वाला है. बजट सत्र से पहले बुधवार (29 जनवरी) को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. जिसमें सीएम भजनलाल शर्मा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली समेत अन्य कई नेता शामिल हुए थे. वहीं यह सर्वदलीय बैठक विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में की गई. इस बैठक में सत्र को सुचारु और किसी तरह की रुकावट न हो इस पर चर्चा की गई. हालांकि सवाल पूछने के लिए विपक्ष अपनी कमर कसे हुए है तो वहीं जवाब देने के लिए सरकार भी तैयार है.

बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल हरिभाऊ बागडे के अभिभाषण से होगी. वहीं राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 3 फरवरी, 5 फरवरी और 6 फरवरी को चर्चा की जाएगी. जबकि 7 फरवरी को भजनलाल सरकार इस पर जवाब देगी. 

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19 फरवरी को पेश होगा बजट

बजट सत्र के शेड्यूल के मुताबिक, 8 से 18 फरवरी तक सदन में अवकाश रहेगा. वहीं 19 फरवरी को सदन फिर से शुरू होगा और इस दिन डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री दिया कुमारी राज्य का बजट पेश करेंगी. दिया कुमारी ने बजट के लिए पहले से ही पूरी तैयारी कर ली है. 

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परंपराओं के साथ चलेगा सत्र

सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री पटेल ने कहा कि सत्र के दौरान विपक्ष जिन मुद्दों को उठाएगा सरकार पूरी तत्परता से तथ्यों के साथ उसका जवाब देगी. उन्होंने कहा, “विपक्षी साथियों से हमें अपेक्षा है की अगर वे मुद्दों को नियमानुसार उठायेंगे तो सरकार पूरा जवाब देगी.”  पटेल ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आगामी सत्र नियमों और परंपराओं के अनुसार चलेगा.

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सदन का झुकाव विपक्ष की ओर होना चाहिए

नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा, “हमने विधानसभा अध्यक्ष से यह भी निवेदन किया कि उनका झुकाव विपक्ष की तरफ ज्यादा होना चाहिए. विपक्ष अपनी जिम्मेदारी को समझें और इस सत्र को अच्छा व लंबा चलाने में सत्ता पक्ष सहयोग करे.” उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “इस सरकार ने पिछले एक वर्ष में जनता के हित में तो कोई काम किया नहीं है. सरकार ने कांग्रेस शासन की योजनाओं को बंद करने, उनके नाम बदलना, उनको कमजोर करने के अलावा कोई काम नहीं किया.”

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