Rajasthan News: समाज में सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले खुद डर के साए में आमलोगों को कैसे सुरक्षित रख पाएंगे, ये सवाल तब खड़ा हुआ जब हनुमानगढ़ में बरसात ने जर्जर इमारतों का सिंथेटिक मेकअप उतार कर व्यवस्थाओं की हकीकत को सामने ला दिया. यह बात राजस्थान पुलिस के कर्मचारियों के लिए हो रही है जो खुद डर के साए में इन दिनों दिख रहे हैं. हनुमानगढ़ टाउन का थाना 104 साल पुराने इमारत में चलाई जा रही है. जो पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. ऐसे में पुलिस जो खुद लोगों को सुरक्षित करने का काम करते हैं. वह इन दिनों खुद डरे हुए हैं.
हनुमानगढ़ टाउन के 104 साल पुरानी इमारत में चल रहे पुलिस थाने समाज में कानून व्यवस्था और सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली पुलिस खुद टपकती छत और जर्जर इमारत से आम लोगों को सुरक्षित रखने का भरोसा कैसे दे पाएगी.
साल 1921 में बनी थी इमारत
1921 में इसी इमारत में हनुमानगढ़ टाउन थाने का संचालन अग्रेजों के राज में शुरू हुआ था. इस इमारत की नींव 104 वर्ष तो निश्चित रूप से पुरानी है, संभव है इससे ज्यादा भी हो, थाने के कई कमरों की छत बरसात में टपकती है, जो गंभीर खतरे की आहट है. लेकिन थाने के अधिकतर कमरों में फॉल सीलिंग और अन्य तरह से छतों और दीवारों के ढके होने के चलते हालात पर कुछ पर्दा पड़ा हुआ है.
टाउन थाने में ना सिर्फ छतें टपक रही है बल्कि जर्जर दीवारों में बड़ी बड़ी दरारें बार बार संकट की घंटी बजा रही है. वहीं कई फिट ऊंचाई तक दीवारों में आई सीलन डर की सिहरन पैदा कर रही है. ऐसे माहौल में कोई व्यक्ति या विभाग अगर खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेगा तो दूसरों को सुरक्षित रखने का भरोसा कैसे दे पाएगा.
वहीं जर्जर इमारत और खतरे के सवाल पर हनुमानगढ़ सीओ सिटी मीनाक्षी का कहना है कि इमारत 100 वर्ष से ज्यादा पुरानी होने के चलते कुछ कमरों में छत टपकने और प्लास्टर उखड़ने की बात सामने आईं है. असुरक्षित कमरों को एहतियातन खाली करवा लिया गया है. अब सार्वजनिक निर्माण विभाग को इमारत के सर्वे के लिए लिखा जाएगा, जिनकी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुख्यालय को अवगत करवाया जाएगा.
यह भी पढ़ेंः ACB Action: 30000 रुपये की रिश्वत लेते नगर परिषद का बाबू और दलाल गिरफ्तार, सभापति फरार