Rajasthan News: राजस्थान सरकार एक ओर गरीब रेहड़ी-पटरी वालों की सुरक्षा की बात करते हैं और आश्वासन दिया जाता है. लेकिन दूसरी ओर नगरपालिका और नगर निगम रेहड़ी-पटरी पर बुलडोजर एक्शन करते दिख रही है. हालांकि हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देकर कार्रवाई को रोकने की कोशिश भी की जाती है, लेकिन इसके बावजूद इसे अनसुना कर नगरपालिका अपनी बुलडोजर कार्रवाई जारी रखती है. ताजा मामला झुंझुनूं के चिड़ावा का है जहां नगरपालिका इन दिनों पिलानी रोड पर अतिक्रमण हटाने में भयंकर जल्दबाजी में है.
पिलानी रोड स्थित राजकीय उप जिला अस्पताल के बाहर के अतिक्रमण का है. जहां पर नगरपालिका ने कार्रवाई कर दर्जनों थड़ी ठेलों वालों के खिलाफ कार्रवाई की और उनकी थड़ियां हटा ली. जब कार्रवाई हो रही थी तो रेहड़ी ठेले वालों की ओर से वकील भी मौके पर पहुंचे. जिन्होंने माननीय हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कार्रवाई ना करने की बात कही. लेकिन ईओ रोहित मील ने कार्रवाई को जारी रखा.
वकील ने दिया हाई कोर्ट के आदेश का हवाला
रेहड़ी वालों का छीन लिया रोजगार
दरअसल हाईकोर्ट ने अतिक्रमण के मामले में आदेश दिया था कि रेहड़ी ठेले वालों की सुनवाई की जाए और इन्हें दूसरी जगह आवंटित की जाए. लेकिन नगरपालिका ने सुनवाई करने और दूसरी जगह आवंटित करने से पहले ही इन रेहड़ी ठेले वालों का रोजगार छीन लिया गया. अब रोजगार छीन जाने से उनके सामने अब घर चलाने के लिए भी मुश्किल हो गई है. इस कार्रवाई का विरोध करने के लिए पूर्व पार्षद सुरेश भूकर भी पहुंचे. जिन्होंने ठेला, थड़ी धारकों के रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था करने से पहले की गई कार्रवाई को गलत ठहराया. लेकिन नगरपालिका ने एक नहीं सुनी और कार्रवाई की.
अब इस कार्रवाई पर सवाल उठ रहे है. आपको बता दें कि इससे पहले भी उप जिला अस्पताल के पास स्थित मास्टर प्लान के पार्क का पट्टा बनाने को लेकर नगरपालिका सवालों के घेरे में आ चुकी है.
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