Rajasthan News: वैसे तो देशभर में भगवान शिव के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, लेकिन राजस्थान के बूंदी जिलों में स्थित रामेश्वर महादेव (Rameshwar Mahadev Bundi) की कहानी सबसे अलग है. जिला मुख्यालय से 17 किमी दूर प्राकृतिक सौंदर्य और अरावली की पहाड़ियों में स्थित इस मंदिर में पानी की धारा स्वयं भगवान शिव का जलाभिषेक करती है. यहां सावन माह में मेले का माहौल है और रामेश्वर महादेव का झरना उफान पर चल रहा है. चारों ओर हरियाली छाई हुई है और झरने का लुत्फ उठाने के लिए हजारों श्रद्धालु रोज मंदिर पहुंच रहे हैं.
कभी सूख नहीं रहता यहां का शिवलिंग
महादेव के भक्त सोमानी ने बताया कि सावन के सोमवार को यहां सीधे खड़े पहाड़ों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान भोले के दर्शनों के लिए सुबह 4 बजे से ही आने लग जाते हैं. रामेश्वर महादेव का मंदिर गुफा में बना हुआ है, जहां महादेव भक्तों को साक्षात दर्शन देते हैं. रामेश्वर महादेव के शिवलिंग की खास बात यह है कि यह चट्टानों से घिरा हुआ है और कभी भी शिवलिंग सूखा नहीं रहता है. पहाड़ों से पानी शिवलिंग पर निरंतर गिरता रहता है और अभिषेक होता रहता है. यहां पहाड़ी और झरने का दृश्य लोगों को अपनी ओर खींच लेता है. हरी भरी वादियों के बीचों बीच, अरावली पर्वत माला की सरंचना मानो खुद भोलेनाथ की प्रतिमा का श्रृंगार कर रही हो.
रोपवे बनाने की तैयारी कर रही सरकार
यहां राजस्थान भर के लोग सावन माह में पहुंचकर भोग लगाकर अपनी मनोकामना मांगते हैं. भक्त बताते हैं कि उनकी सभी मनोकामना महादेव कुछ ही दिनों में पूरी कर देते हैं. इसलिए लोग बड़ी संख्या में महादेव के मंदिर में पहुंचते हैं. यहां लोग कावड़ यात्रा व पैदल यात्रा के रूप में अलग-अलग इलाकों से अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं जिसके पूरा होने पर भगवान का जलाभिषेक किया जाता है. भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए भजनलाल सरकार ने अपने बजट में यहां रोपवे बनाने का ऐलान भी किा है. इसके लिए डीपीआर तैयार करवाई जा रही है. यहां रोपवे बनने से पर्यटकों को और नई सुविधा मिल सकेगी.
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