Rajasthan: रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को मिला नया राजा, 3 महीने से हरियाणा में मचा रहा था आतंक, अब किया गया ट्रैंकुलाइज

Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी टाइगर रिजर्व में 3 महीने पहले सरिस्का जंगल से निकलकर हरियाणा के झाबुआ जंगल में पहुंचा नर बाघ टाइगर 2303 को रामगढ़ भेजा गया है.

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Bundi News: राजस्थान के बूंदी स्थित चौथे रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को नर बाघ के रूप में नया राजा मिल गया है. यह बाघ 3 महीने पहले सरिस्का टाइगर रिजर्व से बाहर चला गया था. इसे हरियाणा के झाबुआ के जंगलों से ट्रैंकुलाइज करके लाया गया है. जहां से टाइगर 2303 को सुबह 5:30 बजे रामगढ़ शिफ्ट किया गया. 

रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को मिला नया राजा

वन विभाग के अनुसार यह नर बाघ करीब तीन साल का है और बिल्कुल स्वस्थ है. उम्मीद है कि आने वाले समय में यह रामगढ़ में बाघों की संख्या बढ़ाने में मददगार साबित होगा. आपको बता दें कि इससे पहले रणथंभौर से खुद चलकर आया बाघ आरवीटी 1 भी यहां मौजूद है.

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 विशेष टीम के जरिए रखी जाएगी बाघ पर नजर

बूंदी रामगढ़ अभयारण्य के डीएफओ संजीव शर्मा ने बताया कि बाघ को सरिस्का से ट्रैंकुलाइज कर सोमवार सुबह साढ़े पांच बजे बूंदी लाया गया. यहां उसे बाजलिया सॉफ्ट एनक्लोजर में छोड़ा गया. छोड़े जाने पर बाघ तेजी से दौड़ा और दहाड़ता हुआ अभयारण्य के अंदर चला गया. बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष टीम लगाई गई है जो समय-समय पर बाघ की रिपोर्ट देगी. इससे पहले यहां एक बाघ मौजूद था जो खुद ही रणथंभौर से आकर रामगढ़ में अपनी टेरेटरी बना चुका था. बाघ 2303 पहला बाघ है जिसेट्रैंकुलाइज कर यहां लाया गया है.

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रामगढ़ में दो नर, एक मादा और दो मादा शावक

अब हरियाणा के झाबुआ से एक और बाघ के आ जाने से टाइगर रिजर्व में अब दो नर, एक मादा और दो शावक हो गए हैं. मादा बाघिन को भी जल्द ही शिफ्ट किए जाने की संभावना है. शुरुआत में बाघ को सॉफ्ट एनक्लोजर में रखा जाएगा. बता दें कि सरिस्का टाइगर रिजर्व का बाघ टी 2303 एक साल से टेरेटरी की तलाश में भटक रहा था. यह बाघ दो बार सरिस्का से बाहर आ चुका था और इसकी मॉनिटरिंग वन विभाग के लिए चुनौती बनी हुई थी. इसे ट्रैंकुलाइज करने के कई प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली.

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बाघिन का कंकाल मिलने से छा गई थी मायूसी

हाल ही में रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघिन आरवीटीआर-2 का कंकाल मिला था. इसके साथ ही उसके दो शावकों के भी लापता होने की खबर मिली थी. हालांकि, कुछ दिनों बाद शावकों की तस्वीरें कैमरों में कैद होने पर रामगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने राहत की सांस ली थी. यह अलग बात है कि बाघिन की मौत का रहस्य अब तक सुलझ नहीं पाया है.

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