हृदयांश को अब मिलेगी नई जिंदगी, अमेरिका से लाया गया 17.5 करोड़ का इंजेक्शन लगा

हृदयांश को बचाने के लिए विशेष इंजेक्शन चाहिए थी जिसकी कीमत 17.5 करोड़ रुपये है. उसे अमेरिका से किस्तों पर मंगवाया गया है.

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Hridayansh: राजस्थान के धौलपुर के रहने वाले 24 महीने के बच्चे हृदयांस को बचाने की मुहिम चलाई गई थी. राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर के बेटे की हृदयांश को नई जिंदगी देने की मुहिम आख़िरकार अब कामयाब हुई. हृदयांश स्पाइनल मस्कुलर एस्ट्रॉफी नामक घातक बीमारी से जूझ रहा है. इस बीमारी के इलाज के लिए 17 करोड़ रुपये का इंजेक्शन की जरूरत थी. जिसे अब अमेरिका से मंगवा लिया गया है और हृदयांस को दिया गया है.

क्राउड फंडिंग के ज़रिए अमेरिका से मंगवाया 17 करोड़ पचास लाख का इंजेक्शन हृदयांश को लग चुका है. जयपुर के JK लोन अस्पताल में चिकित्सकों ने  हृदयांश को दुनिया का सबसे महंगा जोलगेनेस्मा इंजेक्शन लगा दिया है. 

हृदयांश को बचाने की चली थी मुहिम

आपको बता दें, एनडीटीवी ने इस मुहिम को प्रमुखता से उठाया था. NDTV की पहल के बाद राजस्थान पुलिस के डीजीपी  सहित कई IPS अधिकारियों ने आगे बढ़कर मदद करते हुए लोगों से भी क्राउड फंडिंग की अपील की थी. यही कारण है कि अब तक दुनिया का सबसे महँगा इंजेक्शन जयपुर आया है. इतनी बड़ी धनराशि के लिए पहली बार जयपुर में क्राउड फंडिंग हुई है. 

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किस्त पर मंगवाया गया इंजेक्शन

इंजेक्शन लगने के बाद स्पाइनल मस्कुलर एस्ट्रॉफी नाम की बीमारी से पीड़ित हृदयांश अब आम लोगों की तरह जिंदगी जी सकेगा. इंजेक्शन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ने भी हृदयांश के इलाज में काफी मदद की है. इंजेक्शन की 17.5 करोड़ रुपए की राशि को चार किश्तों में जमा कराने की छूट दी है. अब तक क्राउड फंडिंग से जमा हुए 9 करोड़ रुपए से इंजेक्शन की पहली किश्त जमा करा दी है. बाकी राशि को तीन किश्तों में एक साल में जमा कराया जाएगा.

बहरहाल 9 करोड़ रुपये देकर इंजेक्शन मंगवाकर हृदयांश को दे दिया गया है. हालांकि, अब तक 9 करोड़ ही जमा कराए गए हैं. लेकिन अभी 8.5 करोड़ रुपये अभी और जुटाना है. जिससे की कंपनी को किस्त चुकाया जा सके.

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