"साइबर फ्रॉड से सावधान" वाली सरकारी कॉलर ट्यून को 1 दबाकर स्किप करने का दावा वायरल हो रहा है, लेकिन इसकी सच्चाई जानना जरूरी है. दूरसंचार विभाग ने हाल ही में एक नई पहल की है, जिसमें "साइबर फ्रॉड से सावधान" वाली कॉलर ट्यून को सभी आउटगोइंग कॉल्स पर लागू किया गया है. यह ट्यून 8 से 10 बार सुनाई देगी और इसका मकसद लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करना है.
क्या 1 दबाकर स्किप कर सकते हैं कॉलर ट्यून?
अगर आप भी सोच रहे हैं कि क्या वाकई 1 दबाकर इस ट्यून को स्किप कर सकते हैं, तो इसका जवाब है हां. आप कीपैड पर 1 दबाकर इस ट्यून को स्किप कर सकते हैं और आपका कॉल तुरंत कनेक्ट हो जाएगा. यह तरीका उन लोगों के लिए उपयोगी हो सकता है जो इमरजेंसी में कॉल करना चाहते हैं और ट्यून की वजह से देरी नहीं करना चाहते.
कुछ शर्तें और सीमाएं हो सकती हैं
सरकारी कॉलर ट्यून को 1 दबाकर स्किप करने का दावा सच है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें और सीमाएं हो सकती हैं. अगर आप इस सुविधा का उपयोग करना चाहते हैं, तो आपको अपने टेलीकॉम ऑपरेटर की सेवाओं और शर्तों की जांच करनी चाहिए. साथ ही, साइबर अपराधों के प्रति जागरूक रहना भी बहुत जरूरी है, इसलिए कॉलर ट्यून को स्किप करने से पहले एक बार इस बारे में जरूर सोचें.
कॉलर ट्यून स्किप करने के स्टेप्स:
- डायलर ऐप खोलें और जिस नंबर पर कॉल करना चाहते हैं, उसे डायल करें.
- कॉल लगते ही "साइबर फ्रॉड से सावधान" वाली कॉलर ट्यून सुनाई देगी.
- कीपैड खोलें और नंबर 1 दबाएं.
- कॉलर ट्यून स्किप हो जाएगी और आपका कॉल कनेक्ट हो जाएगा.
8 से 10 बार सुनाई देगी कॉलर ट्यून
बताते चलें कि डिजिटल अरेस्ट जैसी नई तरह की धोखाधड़ी से वित्तीय धोखाधड़ी की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है, जहां साइबर अपराधी पुलिस, न्यायाधीश आदि बनकर पीड़ितों को ठगते हैं. ऐसे में जनता को जागरूक करने के मकसद से दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया है कि वे तीन महीने तक अपने-अपने उपभोक्ताओं को प्रतिदिन 8 से 10 बार साइबर अपराध जागरूकता वाली कॉलर-ट्यून सुनाएं. कॉलर-ट्यून भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) द्वारा प्रदान की जाएगी.
2 साल में 3 गुना बढ़े ठगी के मामले
सरकार ने बीते बुधवार को संसद को बताया कि 2022 से 2024 के बीच देश में डिजिटल अरेस्ट और संबंधित साइबर अपराध के मामलों की संख्या लगभग तीन गुना हो गई और इस अवधि के दौरान धोखाधड़ी के जरिये निकाली गई राशि में 21 गुना की वृद्धि हुई. गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर पिछले तीन साल के डिजिटल अरेस्ट घोटालों के अद्यतन आंकड़े और संबंधित साइबर अपराध के मामलों के आंकड़े बताते हैं कि 2022 में ऐसी 39,925 घटनाओं की सूचना मिली जिनमें धोखाधड़ी के जरिये 91.14 करोड़ रुपये निकाले गए थे.
21 गुना बढ़ गई ठगी की राशि
आंकड़ों के अनुसार 2024 में, इस तरह के मामलों की संख्या लगभग 1,23,672 हो गई, जिनमें धोखे से निकाली गई राशि 21 गुना बढ़कर 1935.51 करोड़ रुपये हो गई. 2025 के शुरुआती दो महीनों के भीतर, 8 फरवरी तक डिजिटल अरेस्ट, साइबर अपराध के 17,718 मामलों की सूचना मिली जिसमें 210.21 करोड़ रुपये निकाले गए. इस पोर्टल पर साइबर क्राइम की घटनाओं की सूचना दी गई जिन्हें प्राथमिकी में तब्दील किया गया और संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने उनकी जांच शुरु की.
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा स्थापित ‘इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर' (आई4सी) ने ऐसे अपराध में इस्तेमाल किए गए 3,962 ‘स्काइप आईडी' और 83,668 व्हाट्सएप खातों की पहचान कर उन्हें अवरुद्ध (ब्लॉक) कर दिया है. संजय कुमार ने बताया कि अब तक, 13.36 लाख से अधिक शिकायतों में 4,386 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बचाई गई है.