जयपुर के जालूपुरा थाना क्षेत्र में 15 मई को छगन सिंह (28) ने सुसाइड कर लिया. अब सुसाइड नोट सामने आया तो सब हैरान हो गए. सुसाइड नोट में चाचा-भतीजे का प्यार उजागर हुआ. समाज के डर से वह अपने प्यार को सार्वजनिक नहीं कर पा रहे थे. एक-दूसरे के नहीं हो सके तो भतीजे ने आत्महत्या कर ली. सुसाइड नोट में लिखा था कि प्यार साबित करने के लिए भगवान के पास जा रहा हूं.
चाचा के खिलाफ दर्ज कराया था केस
जालपुरा थाने के हेड कांस्टेबल जगदीश प्रसाद ने बताया कि छगन सिंह दौसा जिले के महुआ का रहने वाला था. कुछ दिन बाद युवक के परि जनों ने रिश्ते में चाचा लगने वाले समय सिंह के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कराया. छगन जयपुर में किराए के कमरे में रहता था. उसके साथ रिश्ते में लगने वाले चाचा समय सिंह और बलराम सिंह रहते थे. पुलिस इसकी जांच कर रही थी.
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23 पेज का सुसाइड नोट मिला
इसी दौरान छगन सिंह की अलमारी में 23 पेज का सुसाइड नोट मिला. सुसाइड नोट में लिखा है, "हे माता लक्ष्मी, मेरे काकोसा के हमेशा साथ रहना, कभी भी धन-धान्य की कमी मत होने देना. अपना आशीर्वाद बनाए रखना. मेरी सच्चे मन से मेरे प्यारे चाचा के लिए आपसे यही प्रार्थना है. कभी पैसे की कमी नहीं आए. ऐसी कृपा करें मां. जय माता दी."
"मेरी गिफ्ट को सीने से लगा लेना"
एक गरीब आमदी की छोटी भेट को स्वीकार कर लेना अंकल जी. इससे बड़ा तोहफा देने की मेरी औकात नहीं है. चाचू मेरी छोटी भेंट को मन से पंसद कर लेना. अंकल इस दुनिया में सबको मन चाही पसंदीदा चीजें आसानी से नहीं मिलती, इसलिए मेरी गिफ्ट को तो अपने सीने से लगा लेना, इसे मन से लाइक कर लेना. आपका प्यार छगन (छग्गू) सिंह."
"चाचा जी मैं अपसे प्यार करता हूं"
मेरे प्रिय समय अंकल मेरी तरफ से प्रेम भेंट स्वीकार कर लेना. आपका (भतीजा, दोस्त, बेटा, प्रेमी) छगन सिंह राजपूत. आपको छोटी-सी भेंट दे रहा है. पूरे मन से आपके सामने छोटी-सी गिफ्ट है. इसमें प्यार भरा हुआ है. इसे पूरे मन से स्वीकार कर लेना चाचा जी. चाचा जी मैं आपसे प्यार करता हूं. शब्दों में नहीं लिख पाऊंगा. कुछ जानता भी नहीं हूं शायरी आदि , इसलिए मैं जो भी लिखूंगा, सब आपके लिए बहुत प्यार से लिखूंगा. आप इसे पढ़ जरूर लेना. मेरे चाचा जी मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं. आपके बिना मुझसे रहा नहीं जाता. चाचा जी आई लव यू अंकल जी.
"आपको मैंने भगवान के समान पूजा"
"अंकल जी, आप मेरी लाइफ में आए, तो मैं बहुत खुश हो गया. धीरे-धीरे आप मेरे दिल-दिमाग में इस तरह समा गए कि अब आप मेरे जीवन का हिस्सा बन गए हैं. आप मेरे पहले प्यार हैं चाचा. आपको मैंने भगवान के समान पूजा है. अब आप मेरी सांसों में, मेरे शरीर के रोम-रोम में बस चुके हैं. आपसे अलग होने की बात मैं सहन नहीं कर पाऊंगा. मैंने आपको सच्चा प्यार किया है तो क्या गलत किया है? आप मेरे पहले प्यार हो और मेरे चाचा भी, इसलिए आपको घर का समझकर जान से ज्यादा चाहने लगा हूं. चाचा जी, आपसे प्रार्थना है. मुझे अपनाओ, नहीं तो मैं जिंदा भी नहीं रह पाऊंगा और मर भी नहीं पाऊंगा."
"मैंने मंदिरों में जाकर आपको पूरी आस्था से मांग है"
"चाचा जी, मैंने मंदिरों में जाकर आपको पूरी आस्था से मांगा है. आप मेरे लिए भगवान के समान हो. आपके चरणों में अपनापन और प्यार का प्रसाद मिला है. जब आपके पास आने का मन हो, तो मैं अपना घर समझकर कभी भी आ सकता हूं. मैं आपके साथ रहना चाहता हूं. मुझे किसी और से ऐसा संबंध नहीं चाहिए. आपको मैंने सब कुछ माना है. चाचा जी, आपके बिना मैं नहीं रह पाऊंगा. आत्महत्या नहीं करूंगा, लेकिन जीवन बर्बाद हो जाएगा. डिप्रेशन में चला जाऊंगा, पागल हो जाऊंगा. फिर क्या करोगे?"
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