चंद्रयान-3ः गहलोत बोले- नेहरू और इन्दिरा की दूरदर्शिता का परिणाम है अंतरिक्ष में भारत की उड़ान

CM गहलोत ने चंद्रयान 3 की कामयाबी के लिए टीम के सभी वैज्ञानिकों को हार्दिक बधाई दी. उन्होने कहा विश्व स्तर पर देश को मिली यह अभूतपूर्व सफलता वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम एवं नेहरू जी व इन्दिरा जी की अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रति दूरदर्शिता का परिणाम है.

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चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को लेकर देश भर में दिन भर रोमांच बना रहा, और शाम को तय समय पर चंद्रयान-3 चंद्रमा की जमीन पर लैंड कर गया. चंद्रयान- 3 के लाइव प्रसारण को देखने के लिए देश भर में व्यवस्था किए गए थे. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने भी विद्यार्थियों के साथ चंद्रयान- 3 की लैंडिंग देखी.


चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद CM गहलोत ने एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा..

आखिरकार इसरो के प्रबुद्ध वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत से वह ऐतिहासिक पल आ गया जिसके लिए पूरा देश प्रार्थना व इंतजार कर रहा था. चंद्रयान 3 की कामयाबी के लिए टीम के सभी वैज्ञानिकों को हार्दिक बधाई. विश्व स्तर पर देश को मिली यह अभूतपूर्व सफलता वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम एवं नेहरू जी व इन्दिरा जी की अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रति दूरदर्शिता का परिणाम है. आजादी के कुछ वर्षों बाद ही अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए संस्थान बनाने से आज भारत वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति बन गया है.

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इंदिरा राज में हुई थी इसरो की स्थापना

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि यह शुरुआत हमारा सौभाग्य है. आजादी के बाद से ही चंद्रयान की प्रकिया शुरू हो गई थी. मैं इसरो गया था, मैंने देखा कि कैसे वैज्ञानिक काम करते हैं? मैं देख रहा था कि वैज्ञानिकों के बीपी हाई लो हो रहा था. मैं नोट कर रहा था मैं यह कहना चाहूंगा कि लंबा सफर तय करते-करते पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसकी शुरुआत की 1962 में की थी. इंदिरा गांधी ने 15 अगस्त 1969 को इसरो को स्थापित किया था , जहां से चंद्रयान 3 की लांचिंग हुई है.

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इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विद्यार्थियों के साथ चंद्रयान-3 की लैंडिंग देखी

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