भरतपुर में कफ सिरप पीने से दो साल के एक और बच्चे की मौत हो गई. परिजनों ने बच्चे की मौत के 5 दिन बाद दावा किया है कि कफ सिरप पीने से उनकी बच्चे की तबियत बिगड़ गई थी. आनन-फानन में अस्पताल ले गए, जहां पर उसकी मौत हे गई. बच्चे का बड़ा भाई सिरप नहीं पिया, इसलिए वह बच गया.
डॉक्टर ने लिखी थी सिरप
भरतपुर के लुहासा गांव के रहने वाले निहाल सिंह ने बताया, "मेरे दो बच्चे थे, बड़ा बेटा थान सिंह (5) और छोटा बच्चा तीर्थराज (2). दोनों को 23 सितंबर को खांसी जुखाम की शिकायत थी. दोनों को सुबह 11 बजे के आस पास वैर के उप-जिला अस्पताल लेकर गए. यहां डॉ. को दिखाया, जिन्होंने दवाई लिखने के साथ सिरप लिखी.
डॉक्टर ने कफ सिरप लिखी थी.
सिरप पीने के बाद बच्चा नहीं उठा
घर 12 बजे आकर छोटे बच्चे तीर्थराज को एक ढक्कन सिरप पिला दी. उसके बाद बच्चा सो गया. उन्होंने सोचा कि बच्चा सो रहा होगा, लेकिन 4 घंटे बाद जब होश नहीं आया तो परिजन बच्चे को लेकर उप-जिला अस्पताल वैर लेकर पहुंचे. चिकित्सक डॉक्टर से मिले, जिन्हें बताया कि आपकी लिखी सिरप से उनके बच्चे की तबीयत खराब हो गई है.
27 सितंबर को बच्चे की हुई थी मौत
चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद जनाना अस्पताल भरतपुर रेफर किया, जहां बच्चे को भर्ती किया गया. बच्चे को होश नहीं आने पर 24 सितंबर शाम 3 बजे जयपुर जेके लोन रेफर किया. वहां बच्चे को भर्ती कराया, लेकिन बच्चे को होश नहीं आया. चिकित्सकों ने 27 सितंबर को सुबह 4 बजे मृत घोषित कर दिया.
सिरप के बारे में पता चला तो डॉक्टर को बताया
उसके बाद बच्चे का गांव में अंतिम संस्कार कर दिया. उसके बाद बयाना में सिरप का मामला सामने आने के बाद परिजनों को जानकारी मिली कि यही सिरप बच्चे को दी थी, इसी से उनके बच्चे की मौत हुई है. उसके बाद उन्होंने चिकित्सक को अवगत करा दिया है.
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