Children protest against School principal transfer: राजस्थान में 22 सितंबर को शिक्षा विभाग ने 4 हजार 527 प्रधानाध्यापकों का ट्रांसफर करने का आदेश जारी किया. इसके बाद से ही सियासत गरमाई हुई है. वहीं, कई जगहों पर विद्यार्थी अपने प्रिंसिपल के ट्रांसफर का विरोध कर रहे हैं. जयपुर के सांगानेर के मदाऊं गांव में प्रिंसिपल के ट्रांसफर के बाद ग्रामीणों और विद्यार्थियों ने 7 दिनों से स्कूल पर ताला लगा रखा है. छात्र और ग्रामीण प्रिंसिपल के ट्रांसफर के विरोध कर रहे हैं और स्कूल के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यह नया स्कूल भवन उन्होंने अपने पैसे से अपनी जमीन देकर बनवाया. इस भवन का निर्माण बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए हुआ है.
प्रिंसिपल के काम के मुरीद हैं ग्रामीण
प्रिंसिपल अशोक कुमार मीणा के यहां आने के बाद से विद्यालय का परीक्षा परिणाम बेहतर हुआ है. उन्होंने घर घर बच्चों से जाकर बात की, अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मनाया. ग्रामीण कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि उनके आने के बाद बच्चियां मेरिट में आई है. जहां पहले 70 बच्चे थे, आज इस स्कूल में 240 बच्चे हैं. हमारी सरकार से मांग है कि वह प्रधानाध्यापक का ट्रांसफर ना करें, लेकिन सरकार हमारी मांग नहीं मान रही है.
"पुराना भवन जर्जर, फिर से वहीं लगेगी क्लास"
ग्रामीणों की नाराजगी इस बात से भी है, "शिक्षा विभाग की ओर से पुराने स्कूल भवन में कक्षा संचालित के आदेश दिए हैं. जबकि पुराना स्कूल भवन जर्जर हालत में है, वहां बच्चों को नहीं भेज सकते. जब तक प्रिंसिपल का ट्रांसफर नहीं रुकता हम इस नए भवन का ताला नहीं खोलेंगे."
सीबीईओ बोले- पुराना भवन सरकार को ट्रांसफर नहीं हुआ
सीबीईओ (सांगानेर ग्रामीण) सीताराम गुप्ता ने बताया कि ग्रामीणों से बात करने के बाद भी वे ताला खोलने के लिए नहीं माने. स्कूल का नया भवन ग्रामीणों ने बनवाया है, अभी इसे सरकार को ट्रांसफर भी नहीं किया गया है. इसके बाद हमने पुराने स्कूल भवन का निरीक्षण करके वहां पर कक्षा लगाने के निर्देश जारी किए हैं.
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