चाइनीज मांझे ने ली 10 साल के मासूम की जान, खुलेआम बिकता है, जिम्मेदार आंखें मूंदकर बैठे हैं

झालावाड़ प्रशासन द्वारा लगातार चाइनीज मांझा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रही थी, लेकिन अमलीजामा नहीं पहनाना भूल गया, जिससे बाजारों में चाइनीज मांझा बदस्तूर बिकता रहा, जिसके चलते 10 वर्षीय सुरेंद्र की जान चली गई.

विज्ञापन
Read Time: 8 mins
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Rajasthan News: झालावाड़ जिला प्रशासन द्वारा चाइनीज़ मांझे की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों में की गई लापरवाही आखिरकार एक परिवार को सोमवार को बहुत भारी पड़ गई. चाइनीज मांझे ने झालावाड़ के असनावर में रहने वाले परिवार का चिराग बुझा दिया. चाइनीज मांझा गले में फंसने से मासूम की गर्दन कट गई और उसकी मौत हो गई.

झालावाड़ प्रशासन द्वारा लगातार चाइनीज मांझा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रही थी, लेकिन अमलीजामा नहीं पहनाना भूल गया, जिससे बाजारों में चाइनीज मांझा बदस्तूर बिकता रहा, जिसके चलते 10 वर्षीय सुरेंद्र की जान चली गई.

अस्पताल में चल रहा था ईलाज

मामले में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि असनावर कस्बा निवासी 10 वर्षीय छात्र सुरेंद्र की गर्दन चाइनीज मांझे से पतंग उड़ाते समय उलझ गई. जिससे उसकी गर्दन पर काफी गहरा घाव हो गया और सुरेंद्र का काफी खून बह गया. जानकारी मिलते ही परिजन उसको असनावर अस्पताल ले गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसको झालावाड़ रेफर कर दिया गया, लेकिन अत्यधिक खून बहने के चलते उपचार के दौरन उसकी मौत हो गई.

चाइनीज मांझे से गला कटने से मासूम का अत्यधिक रक्त बह गया और जब उसे अस्पताल पहुंचाया और उसका उपचार शुरू होता उसकी मौत हो गई. 10 वर्षीय मृतक की पहचान सुरेंद्र के रूप में हुई है. मासूम पांचवीं क्लास में पढ़ता था. 

सुबह से छत पर मासूम कर रहा था पतंगबाजी

छात्र सुरेंद्र के पिता दिलीप गरीब मजदूर हैं और मजदूरी करके अपने परिवार का खर्चा चलाते हैं. दिलीप ने बताया कि सोमवार सुबह से ही वह सुरेंद्र पतंगबाजी कर रहा था. शाम के वक्त अचानक दूसरे बच्चों ने बताया कि सुरेंद्र गले में मांझा फंस गया है और खून बह रहा है. सुरेंद्र के पिता दिलीप उसको लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी, छात्र चाइनीज मांझे का शिकार होकर मौत के गाल में समां चुका था.

प्रशासन के सभी दावे साबित हुए खोखले

झालावाड़ जिला प्रशासन लगातार चाइनीज मांझे के विरुद्ध कार्यवाही की बात कर रहा ‌था, लेकिन एक भी बड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिली. इसी के चलते झालावाड़ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह चाइनीज मांझा बड़ी तादाद में पहुंच चुका है. झालावाड़ प्रशासन द्वारा लगातार चाइनीज मांझा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रही थी, लेकिन अमलीजामा नहीं पहनाना भूल गया. बाजारों में चाइनीज मांझा बिकता रहा, जिसके चलते 10 वर्षीय सुरेंद्र की जान चली गई.

Advertisement

ये भी पढ़ें- जब चकमा खा गई फलोदी पुलिस, ड्रग तस्कर की बातों में आकर निर्दोष को भेज दिया जेल, 3.5 KG अफीम बरामदगी का है मामला

Topics mentioned in this article