Rajasthan: ''तेरी ऐसी-तैसी कर दूंगा, तू याद रखेगा'' किसान के पीछे डंडा लेकर दौड़ने वाले तहसीलदार ने अब क्या कहा ? 

तहसीलदार ने बताया, "वीडियो में कहा गया है कि खड़ी फसल में पत्थरगढ़ी नहीं हो सकती. मैं भी जानता हूं कि खड़ी फसल में पत्थरगढ़ी नहीं हो सकती. हम कब्जा सुपुर्द करने गए थे. यह एसडीएम कोर्ट का आदेश था, और प्रार्थी पिछले दो साल से परेशान था. कोर्ट से इस संबंध में दो बार रिमाइंडर भी आया था."  

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Chittorgarh News: न्यायालय के आदेश पर जमीन का कब्जा दिलाने गए तहसीलदार और किसान के बीच नोक-झोंक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में तहसीलदार किसान के पीछे डंडा लेकर भागते हुए नजर आ रहे हैं. वायरल वीडियो में दिख रहे अधिकारी चित्तौड़गढ़ के तहसीलदार राहुल धाकड़ हैं. तहसीलदार हाल ही में नरपत खेड़ी निवासी एक व्यक्ति को न्यायालय के आदेश पर जमीन का कब्जा दिलाने गए थे.  

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो पर कुछ लोग तहसीलदार को सही ठहरा रहे हैं, तो कुछ इसे गलत बता रहे हैं. इस मामले को लेकर चित्तौड़गढ़ तहसीलदार राहुल धाकड़ ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें खड़ी फसल में पत्थरगढ़ी की बात गलत तरीके से पेश की गई है. वे एसडीएम कोर्ट के आदेश की पालना के लिए जमीन का कब्जा दिलाने गए थे.  

यह एसडीएम कोर्ट का आदेश था- तहसीलदार 

तहसीलदार ने बताया, "वीडियो में कहा गया है कि खड़ी फसल में पत्थरगढ़ी नहीं हो सकती. मैं भी जानता हूं कि खड़ी फसल में पत्थरगढ़ी नहीं हो सकती. हम कब्जा सुपुर्द करने गए थे. यह एसडीएम कोर्ट का आदेश था, और प्रार्थी पिछले दो साल से परेशान था. कोर्ट से इस संबंध में दो बार रिमाइंडर भी आया था."  

''किसान कुल्हाड़ी लेकर खेत पर बैठा था''

राहुल धाकड़ ने बताया, "11 दिसंबर को हमने नोटिस जारी किया था कि 18 दिसंबर को कब्जा दिया जाएगा. नोटिस का जवाब देने कोई नहीं आया. जब हम और हमारा पटवारी सुबह मौके पर पहुंचे, तो किसान कुल्हाड़ी लेकर खेत पर बैठा था और धमकी दे रहा था कि देखता हूं कौन कब्जा देता है. जब मैं दोपहर में वहां पहुंचा, तो पक्ष और विपक्ष दोनों को बुलाकर पूछा कि कब्जा क्यों नहीं देना चाहते? उन्होंने कहा कि हम कब्जा नहीं देंगे. मैंने उन्हें समझाया कि कोर्ट के आदेश का पालन करना जरूरी है."  

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''किसान ने पटवारी टीम से बदतमीजी की''

उन्होंने आगे बताया, "कब्जा दिलाने की कार्रवाई शुरू करने पर विपक्षी की पत्नी वीडियो बनाने लगी, लेकिन हमें कोई दिक्कत नहीं थी क्योंकि हमने नियमों का पालन किया. इसके बाद एक तीसरा व्यक्ति, जो कह रहा है कि मैं उसे मारने दौड़ा, अचानक वहां आ गया. उसने पटवारी टीम से बदतमीजी की. जब उसने बार-बार दुर्व्यवहार किया, तब मुझे हस्तक्षेप करना पड़ा."  

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