चौमूं में बवाल के बाद डोटासरा के निशाने पर पुलिस, पीसीसी चीफ बोले- थानाधिकारी चुनाव लड़ने की फिराक में

Govind Singh dotasra: पीसीसी चीफ अलवर जाने से पहले कोटपूतली में रुके. यहां उनका पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए अरावली, अवैध खनन समेत कई अन्य मुद्दों पर भी बात की.

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कोटपूतली में जोरदार स्वागत हुआ. सीकर से अलवर जाते समय पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने माला और साफा पहनाकर अभिनंदन किया. डोटासरा ने ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. मीडिया से बातचीत के दौरान चौमूं में मस्जिद के बाहर बवाल को प्रशासनिक विफलता बताया. उन्होंने चौमूं थानाधिकारी प्रदीप शर्मा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कुछ गतिविधियों के जरिए उन्हें अनावश्यक लोकप्रियता मिली है और उन्हें लगने लगा है कि वे चुनाव लड़ेंगे. आरोप लगाए कि जहां हाईकोर्ट का लंबे समय से स्थगन है, वहां जानबूझकर कार्रवाई करना अधिकारों का दुरुपयोग है. पूरे घटनाक्रम में जो भी हुआ वह गलत है, चाहे वह पुलिस के साथ हुआ हो या आम लोगों के साथ.

बीजेपी सरकार पर बोला तीखा हमला

डोटासरा ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जल्द ही “अरावली बचाओ अभियान” के तहत पूरे प्रदेश में रैलियों का आयोजन करेगी. डोटासरा का आरोप था कि मौजूदा सरकार संसाधनों पर कब्जा करा रही है, अवैध खनन को बढ़ावा दिया जा रहा है और अरावली की आत्मा पर सीधा प्रहार हो रहा है. 

"कोर्ट के फैसले से पहले टेंडर की तैयारी कैसे हो गई?"

उन्होंने कहा कि इससे केवल खनन माफियाओं को फायदा मिल रहा है, जबकि आम आदमी, किसान और छोटे व्यापारी परेशान हैं. न तो कोई ठोस विकास कार्य दिख रहा है और न ही जनता को कोई लाभ मिल रहा है. खनन लीज के मुद्दे पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी 52 लीज माफियाओं को देने के लिए टेंडर निकाले गए. कोर्ट के फैसले से पहले ही सरकार की ऐसी तैयारी कैसे हो गई. 

कांग्रेस विधायकों के क्षेत्रों में किसानों को मुआवजा नहीं- डोटासरा

पीसीसी चीफ ने बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि बेरोजगार युवाओं के साथ वादाखिलाफी की गई है. कांग्रेस सरकार के समय चल रही कई जनकल्याणकारी योजनाओं को या तो कमजोर कर दिया गया है या पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. अतिवृष्टि मुआवजे को लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायकों के क्षेत्रों में पूरा मुआवजा दिया गया, जबकि कांग्रेस विधायकों के क्षेत्रों में किसानों को मुआवजे से वंचित रखा गया. साथ ही मनरेगा और राइट टू वर्क को खत्म करने की साजिश का भी आरोप लगाया.  

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