Rajasthan: सरिस्का टाइगर रिजर्व में बढ़ा बाघों का कुनबा, बाघिन एसटी 17 ने 3 शावकों को दिया जन्म

वन मंत्री ने बताया कि गर्मी के कारण पानी के पास ही इनका मूवमेंट ज्यादा रहता है. लेकिन बारिश के मौसम में यह वन्य जीव कहीं भी मिल सकते हैं. गर्मी के चलते सरिस्का में प्राकृतिक और कृत्रिम रूप से वाटर होल पर पानी पहुंचाया जा रहा है और जो भी व्यवस्था हैं वह अच्छी तरीके से की जा रही हैं.

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Rajasthan News: राजस्थान के अलवर जिले में स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व (Sariska Tiger Reserve) से मंगलवार को एक और खुशखबरी आई है. यहां तीन नए बाघ शावकों के आगमन की घोषणा हुई है. वन मंत्री संजय शर्मा ने बताया कि आज अकबरपुर रेंज में बाघिन एसटी 17 ने तीन शावकों को जन्म दिया है. कैमरा ट्रैप की फोटो भी हमारे सामने आई हैं. इस तस्वीर में बाघिन वाटर हॉल में दिख रही है. वहीं उसके सामने तीन शावक दिखे हैं. इससे पहले तालवृक्ष रेंज में एसटी 22 ने 4 शावकों को जन्म था. पिछले महीने में ही बाघिन एसटी 27 अपने दो शावकों के साथ दिखी थी.

अब सरिस्का में कुल 43 बाघ

सरिस्का में बाघों की कुल आबादी अब 43 हो गई है, जिसमें 11 नर, 14 मादा और 18 शावक शामिल हैं, जिनमें से 13 का जन्म पिछले 4 महीनों में हुआ है. सबसे बड़ी बात ये है कि गत दिनों जितने भी शावक कैमरा ट्रैप में दिखाई दिए, वह सभी वाटर होल के पास के ही हैं. गत 29 और 30 मई 2024 को पहली बार दो दिनों में 7 नए शावक दिखाई दिए थे. सरिस्का में अब 3 नए शावक मिलने की वन्यजीव प्रेमियों को खुशी हुई है. इधर, इनकी संख्या बढ़ने पर राजस्थान के वन मंत्री और अलवर शहर विधायक संजय शर्मा ने कहा कि सरिस्का में बीते 6 माह में 13 शावक मिल गए हैं. बाघों की कुनबे में लगातार बढ़ोतरी के लिए अधिकारी और वन रक्षक बधाई के पात्र हैं, जो लगातार उनकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

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टैंकरों से भरे जा रहे जल स्त्रोत

वन मंत्री ने बताया कि गर्मी के कारण पानी के पास ही इनका मूवमेंट ज्यादा रहता है. लेकिन बारिश के मौसम में यह वन्य जीव कहीं भी मिल सकते हैं. गर्मी के चलते सरिस्का में प्राकृतिक और कृत्रिम रूप से वाटर होल पर पानी पहुंचाया जा रहा है और जो भी व्यवस्था हैं वह अच्छी तरीके से की जा रही हैं. गर्मी में पानी कम मिलता है इसीलिए कृत्रिम तरीके से बोरिंग या टैंकर के माध्यम से स्रोतों को भरा जा रहा है, जिससे वन्य जीवों को परेशानी नहीं हो. इसके लिए वन विभाग के अधिकारी लगे हुए हैं.'

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बाघ एसटी 13 ढाई साल से लापता

वर्ष 2004 में सरिस्का से बाघों का सफाया हो गया था, लेकिन 2008 में तत्कालीन सरकार ने सरिस्का में बाघों का पुनर्वास कराया था. विश्व में पहली बार ऐसा हुआ था. नए शावकों के जन्म होने के बाद सरिस्का में बाघों का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है. सरिस्का प्रशासन की ओर से बाघिन व उनके शावकों पर नजर रखी जा रही है. सरिस्का की टीम उनकी मॉनिटरिंग कर रही है. जगह-जगह कैमरे लगाए गए. इसके अलावा बाघ एसटी 13 बीते ढाई साल से लापता है.

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