Rajasthan: भाजपा नेताओं ने स्वच्छ परियोजना में प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए भाजपा नेताओं की पत्नी, भाई और रिश्तेदारों को नौकरी लगवाई थी. चीफ को-ऑर्डिनेटर, को-ऑर्डिनेटर और असिस्टेंट को-ऑर्डिनेटर के पद पर नियुक्ति दिलाई थी. मामला तूल पकड़ा तो प्लेसमेंट एजेंसी ने नियुक्ति पर रोक लगा दी. प्लेसमेंट एजेंसी का एक लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें कंपनी ने कार्मिकों को हटाने और लगाने के आदेशों को लंबित करने की बात लिखी है. लेकिन, इन आदेशों में स्पष्ट भाषा का प्रयोग नहीं कर गुमराह किया गया है.
10 साल से ज्यादा समय से लगे कार्मिकों को पहले हटाया गया
डूंगरपुर जिले में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (टीएडी) की ओर से संचालित स्वच्छ परियोजना में प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए चीफ को-ऑर्डिनेटर, को-ऑर्डिनेटर और असिस्टेंट को-ऑर्डिनेटर लगाने में भारी फर्जीवाड़ा किया गया. इन पोस्ट पर 10 साल से ज्यादा समय से लगे कार्मिकों को पहले हटाया गया, इसके बाद बिमलराज आउटसोर्सिंग प्राइवेट लिमिटेड के जरिए भाजपा जिलाध्यक्ष हरीश पाटीदार की पत्नी गायत्री पाटीदार, नगर परिषद में उप-सभापति सुदर्शन जैन की पत्नी जया जैन, पूर्व राज्यमंत्री सुशील कटारा का छोटा भाई हेमेंद्र कटारा और डूंगरपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रहे बंशीलाल कटारा के करीबी सुखलाल पटेल समेत 14 परिचित और रिश्तेदारों को नौकरी पर लगा दिया.
मामला उजागर होने पर भाजपा की हुई किरकिरी
मामला उजागर होने के बाद भाजपा की खूब किरकिरी हुई. भाजपा में ही कार्यकर्ता बड़े नेताओं की इस हरकत पर नाराज दिखे. कांग्रेस और भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के नेताओं ने बेरोजगारों के साथ धोखा बताया. मामला गर्माने पर प्लेसमेंट एजेंसी बिमलराज आउटसोर्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से कार्मिकों को हटाने ओर लगाने के ऑर्डर को लंबित करने का लेटर लिखा है. ऐसे में कंपनी की ओर से मामले में लीपापोती की जा रही है. मामला लंबित करने के आदेश से गर्माए मामले को कुछ दिनों के लिए ठंडा करने के प्रयास से जोड़कर देखा जा रहा है.