28 को डीडवाना और नागौर आएंगे CM गहलोत, पायलट गुट के विधायकों का कार्यक्रम में नाम तक नहीं

सीएम गहलोत के डीडवाना दौरे के दौरान स्थानीय दो कांग्रेस विधायकों का नाम कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया है. ये दोनों विधायक पायलट खेमे के हैं. इससे सियासी गलियारों में एक बार फिर गहलोत-पायलट के बीच चली आ रही खींचतान की चर्चा शुरू हो गई है.

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पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
NAGAUR:

डीडवाना को नया जिला बनाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 28 सितंबर को डीडवाना और नागौर जिले के दौरे पर आने वाले हैं. इस दौरान वे विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे और आम सभाओं को भी संबोधित करेंगे. इसके लिए बाकायदा मुख्यमंत्री के दौरे का मिनट टु मिनट शेड्यूल जारी किया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री के दौरे के साथ ही उनके साथ मौजूद रहने वाले नेताओं की सूची भी जारी की गई है.

लेकिन इस दौरे के शेड्यूल में लाडनूं के विधायक मुकेश भाकर और परबतसर के विधायक रामनिवास गावड़िया का नाम ग़ायब है. जिसे गहलोत-पायलट के बीच चली आ रही खींचतान से जोड़ कर देखा जा रहा है. भाकर और गावड़िया को सचिन पायलट खेमे का माना जाता है.

पायलट के साथ दोनों विधायक तीन साल पहले गए थे मानेसर

अपनी मांगों को लेकर तीन साल पहले सचिन पायलट के साथ मानेसर जाने वाले विधायकों में ये दोनों भी शामिल थे. ऐसी चर्चाएं हैं कि इसी लिए इन दोनों विधायकों को कार्यक्रम से दूर रखा गया है. इन दोनों विधायकों ने खुले तौर पर कई बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ हुए बयान भी दिए हैं.

पायलट-गहलोत की खींचतान वजह !

इस सूची के सामने आने के बाद से ही यह चर्चा फिर से शुरू हो गई है कि क्या अब भी गहलोत और पायलट के बीच खींचतान जारी है? क्या अब भी दोनों के बीच संबंधों में कोई सुधार नहीं हुआ है? चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री के दौरे में पायलट गुट के विधायकों की उपेक्षा करने से सियासी गलियारों में यह संदेश जा रहा है कि कांग्रेस में अभी भी सब कुछ ठीक नहीं है और आज भी दोनों प्रमुख नेताओं के बीच गुटबाजी और द्वेषता हावी है.

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CM अशोक गहलोत खिलाड़ियों से करेंगे संवाद 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 28 सितंबर को डीडवाना के मिर्धा स्टेडियम में डीडवाना के विकास और युवाओं को खेलों से जोड़ने के संबंध में आमजन से संवाद करेंगे. इसके अलावा युवाओं के लिए मिशन 2030 का रोडमैप प्रस्तुत कर युवाओं को उससे अवगत भी करवाएंगे. इस कार्यक्रम के लिए 2000 से अधिक लोगों की उपस्थिति का दावा किया गया है.

इसके साथ ही डीडवाना को नया जिला बनाने के बाद डीडवाना के इतिहास और प्राचीन सभ्यताओं को देखते हुए पर्यटन केंद्र के रूप डीडवाना को विकसित करने की घोषणा भी कर सकते हैं.

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दोनों विधायक युवा हैं और सचिन पायलट गुट के माने जाते हैं. 3 साल पहले गहलोत सरकार से नाराज़ हो कर सचिन पायलट हरियाणा के मानेसर के एक होटल में अपने समर्थक विधायकों के साथ चले गए थे. विधायक मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया भी वहां जाने वालों में शामिल थे. 

इलाक़े के सभी नेता होंगे शामिल, दोनों विधायकों के नाम ग़ायब 

मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम के लिए कांग्रेस नेताओं की एक सूची भी जारी की गई है, जिसमें मुख्यमंत्री के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी मंत्री राजेंद्र सिंह यादव, खेल मंत्री अशोक चांदना, डीडवाना विधायक चेतन डूडी, नावां विधायक महेंद्र चौधरी, जायल विधायक मंजू मेघवाल, डेगाना विधायक विजयपाल मिर्धा, कांग्रेस जिला अध्यक्ष जाकिर हुसैन, सुखराम डोडवाडिया और पूर्व मंत्री हरेंद्र मिर्धा के नाम सम्मिलित किए गए हैं. मगर लाडनूं विधायक मुकेश भाकर और परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया का इस सूची में नाम शामिल नहीं है.

डीडवाना के बाद मुख्यमंत्री नागौर जिले के जायल में भी मार्बल व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों और कर्मचारियों से संवाद करेंगे. इसके बाद रात को मुख्यमंत्री नागौर शहर में पहुंचेंगे. यहां वे रोड शो के माध्यम से लोगों से मिलेंगे. साथ ही एक होटल में युवाओं से संवाद कर उन्हें उसे स्वरोजगार के लिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करेंगे.

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इन तीनों कार्यक्रमों में कांग्रेस के बाकी विधायकों और स्थानीय नेताओं के नाम शामिल किए गए हैं, मगर लाडनूं विधायक मुकेश भाकर और परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया की अनदेखी की गई है. उन्हें इन कार्यक्रमों से दूर रखा गया है.

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