सीएम भजनलाल शर्मा ने नागौर में यश हत्याकांड मामले में हनुमान बेनीवाल के पत्र का दिया जवाब

नागौर में दलित छात्र यश नायर की हत्या जनवरी 2024 में हुई थी. इस हत्या की जांच के लिए हनुमान बेनीवाल ने सीबीआई जांच की मांग की थी. इस पर सीएम की ओर से जवाब दिया गया है.

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Rajasthan News: राजस्थान के नागौर जिले में दलित छात्र यश नायक की हत्या हुई थी और उसकी लाश को गोबर के ढेर में दबा दिया गया था. इस हत्याकांड के मामले में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने आवाज उठायी थी और इसकी सीबीआई जांच के लिए सीएम भजनलाल शर्मा को चिट्ठी लिखी थी. अब चिट्ठी का जवाब सीएम भजनलाल शर्मा द्वारा दिया गया है. जिसमें उन्होंने बताया कि गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र भेजा है.

क्या लिखा है पत्र में

कोतवाली पुलिस थाना, नागौर में दर्ज दलित छात्र यश नायक हत्या प्रकरण की सीबीआई से जांच करवाने के संबंध में आपका पत्रांक 118 दिनांक 28-072024 मुझे प्राप्त हुआ है. मैं इसे यथोचित कार्यवाही हेतु अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग को भिजवा रहा हूं.

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19 जनवरी को हुई थी यश नायर की हत्या

नागौर के संत बलदेव राम दास कॉलोनी की सरकारी स्कूल के पास 19 जनवरी 2024 को दलित छात्र यश की हत्या गर्दन कुल्हाड़ी से काट कर की गई थी. उसके बाद उसे गोबर के ढेर में दबा दिया गया. जहां से उसका शव बरामद किया गया. इस मामले में एक आरोपी रसूल मोहम्मद उर्फ बबलू घोसी को गिरफ्तार किया गया, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ. परिजन और नायक समाज के लोगों ने पुलिस पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस 14 दिन तक सोती रही और आरोपी हत्यारा बेफिक्र होकर घूम रहा था.

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पिता के गुहार के बाद भी पुलिस ने नहीं दिखाई तत्परता

मृतक छात्र यश के पिता पुखराज नायक ने छात्र के गुम होने की रिपोर्ट लिखवाने के बाद अपने स्तर पर छानबीन कर अपने बेटे को ढूंढने का कार्य करते रहे. इस दौरान पुखराज नायक ने पुलिस के अधिकारियों से बार-बार बेटे यश रोज को ढूंढने की विनती करते रहे. लेकिन पुलिस ने मामले को तत्परता नहीं दिखाई, जांच अधिकारी भंवरलाल ने तुरंत कार्यवाही नहीं की. जब परिजनों ने पुलिस अधीक्षक नागौर को ज्ञापन सौंपा जिसमें कुछ व्यक्तियों के नाम दिए गए थे. उस आधार पर पुलिस ने रसूल मोहम्मद उर्फ बबलू घोसी को गिरफ्तार किया था और पूछताछ के दौरान बबलू घोसी ने सारा मामला उगल दिया और रसूल की निशानदेही पर ही छात्र का शव गोबर के ढेर से निकाला गया था.

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ऐसे में इस प्रकरण में पुलिस पर सवाल उठना लाजमी है. जबकि सवाल यह है कि क्या अगर रिपोर्ट लिखने के बाद पुलिस तत्परता दिखाती तो छात्र यश को जिंदा बचाया जा सकता था. यह सवाल पुलिस कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हैं. यही वजह से इस मामले में CBI जांच की मांग की जा रही है.