आदिवासियों के प्रसिद्ध बेणेश्वर धाम के विकास के लिए सीएम गहलोत ने दिया सौ करोड़ का बजट

बेणेश्वर धाम में पर्यटन विकास कोष के माध्यम से 3 चरणों में विभिन्न विकास कार्य करवाए जाएंगे. प्रथम चरण में 44.82 करोड़ रुपए की लागत से आबूदर्रा घाट व अस्थि विसर्जन घाट के जीर्णोद्धार सहित धर्मशाला, पुलिस चौकी आदि निर्माण करवाए जाएंगे.

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बेणेश्वर धाम

राजस्थान की गहलोत सरकार ने पिछले चार महीनों में प्रदेश के विकास के लिए जितनी योजनाओं को लांच किया है अगर अपने बीते कार्यकाल के साढ़े चार सालों में सक्रियता दिखाई होती तो शायद प्रदेश के विकास की चिंता के लिए उन्हें रात-दिन एक नहीं करने पड़ते. राजस्थान के जलियांवाला बाग कहे जाने वाले मानगढ़ धाम के विकास के लिए रुपयों की स्वीकृत करने के बाद गहलोत सरकार ने लाखों आदिवासी भक्तों के केंद्र बेणेश्वर धाम के समग्र विकास के लिए सौ करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है. दक्षिण राजस्थान में जनजाति समुदाय के आस्था का केन्द्र बेणेश्वर धाम चुनाव आते ही राजनीति का केंद्र बन जाता है कई राजनेता इस मंदिर पर पहले भी जनजाति वोटरों को साधने के लिए आ चुके है.

इन दिनों राजस्थान सरकार द्वारा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर सुविधाओं का निरंतर विस्तार किया जा रहा है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डूंगरपुर स्थित बेणेश्वर धाम के समग्र विकास के लिए 100 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है.

प्रस्ताव के अनुसार, बेणेश्वर धाम में पर्यटन विकास कोष के माध्यम से 3 चरणों में विभिन्न विकास कार्य करवाए जाएंगे. प्रथम चरण में 44.82 करोड़ रुपए की लागत से आबूदर्रा घाट व अस्थि विसर्जन घाट के जीर्णोद्धार सहित धर्मशाला, सत्संग भवन, गौशाला, पार्किंग, शौचालय, पुलिस चौकी व वाटर ट्रीटमेंट प्लांट आदि नवीन निर्माण होंगे.

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लाखों आदिवासी भक्तों का केंद्र बेणेश्वर धाम

द्वितीय चरण में 54.55 करोड़ रुपए की लागत से ओंकार घाट का विस्तार, विश्राम गृह, प्रशासनिक भवन, धर्मशाला, रसोइयों का निर्माण, नौकायान की सुविधा, ईको पार्क आदि कार्य कराए जाएंगे। तृतीय चरण में टेंट सिटी व अन्य निर्माण कार्य शामिल हैं. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वित्त एवं विनियोग विधेयक चर्चा के दौरान इस संबंध में घोषणा की गई थी, जिसकी क्रियान्विति में उक्त स्वीकृति प्रदान की गई है.

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