CM Milk Producer Support Scheme: मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत देय 5 रुपये प्रति लीटर अनुदान राशि जारी हुए एक महीने से अधिक समय बीत गया है, लेकिन बाँसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों के कई हजार दुग्ध उत्पादक किसानों को अभी तक भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है. इससे पशुपालकों में गहरी नाराज़गी और निराशा है. गौरतलब है कि 13 अक्टूबर 2025 को जयपुर में आयोजित समारोह में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से राज्य के लगभग 5 लाख पशुपालकों के खातों में 364 करोड़ रुपये से अधिक की अनुदान राशि ट्रांसफर की थी.
सब्सिडी का भुगतान जनवरी 2025 से जुलाई 2025 तक की अवधि के लिए किया गया था. इस राशि में बाँसवाड़ा जिले के किसानों के लिए भी 2.02 करोड़ रुपये से अधिक शामिल थे.
लगभग 50–60 लाख रुपये अब भी अटके
आधिकारिक घोषणा के बावजूद बाँसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों के बड़ी संख्या में किसानों के खातों में अनुदान राशि नहीं पहुँची है. किसानों का कहना है कि कुल 50 से 60 लाख रुपये का भुगतान अटका हुआ है. कई किसानों को राशि मिल चुकी है, जबकि बड़ी संख्या अभी भी इंतज़ार में है.
डेयरी और बैंक में ‘दोष किसका' का खेल
भुगतान में देरी को लेकर डेयरी संघ और बैंक एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं. डेयरी अधिकारियों का कहना है कि बैंक ट्रांजेक्शन को समय पर प्रोसेस नहीं कर रहा, जबकि बैंक कर्मचारी इसे डेयरी के तकनीकी एरर का परिणाम बता रहे हैं. इस गुत्थी में फँसे किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं, क्योंकि दोष तय न होने की वजह से समाधान भी अटका हुआ है.
किसानों ने की कार्रवाई की मांग
समस्या से त्रस्त किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है. किसानों का कहना है कि जब मंत्री द्वारा राशि जारी कर दी गई है और कुछ किसानों को भुगतान भी मिल चुका है, तो उनके खातों में राशि अभी तक क्यों नहीं पहुंची? किसानों ने मांग की है कि जिम्मेदार विभागों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए और मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना के तहत दी जाने वाली 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी तुरंत उनके खातों में जमा करवाई जाए. किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.