त्रिनेत्र गणेश मंदिर परिसर में बनी मिठाई की दुकानों पर रेड, फफूंद लगे 800 Kg लड्डू को प्रशासन ने कराया नष्ट

त्रिनेत्र गणेश मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है. इसका निर्माण 10वीं सदी में रणथंभौर के राजा हम्मीर देव ने करवाया था. युद्ध के दौरान राजा के सपने में गणेश जी आए और उन्हें आशीर्वाद दिया. राजा की युद्ध में विजय हुई और उन्होंने किले में मंदिर का निर्माण करवाया.

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Rajasthan News: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां गणेशजी अपने पूरे परिवार (पत्नी रिद्धि और सिद्धि, दो पुत्र शुभ और लाभ) के साथ विराजमान हैं. इस मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं, और मंदिर के बाहर बनी दुकानें से मिठाई खरीदकर बप्पा को भोग लगाते हैं. इसके बाद वे भोग के प्रसाद को घर लेकर अपने परिजनों व जानकारों में बांटते हैं, ताकि उन्हें भी बप्पा का आर्शीवाद मिल सके. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रसाद के रूप में खरीदी जाने वाले इन्हीं लड्डूओं को प्रशासन ने खराब बताकर नष्ट करवा दिया है.

इन सभी दुकानों पर हुई कार्रवाई

गुरुवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रणथंभौर दुर्ग स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर (Trinetra Ganesh Temple Ranthambore Fort) परिसर में स्थित मिठाई की दुकानों का निरीक्षण कर फफूंद लगे लड्डूओं को नष्ट करवा दिया. CMHO डॉ. धर्म सिंह मीना ने बताया कि इंस्पेक्शन में गौत्तम मिष्ठान भंडार से 70 किलो, गौतम मिष्ठान्न भंडार नारायण गौत्तम से 30 किलो, लक्ष्मी मिष्ठान्न भंडार कुलदीप गौत्तम के गोदाम पर 540 किलो व दुकान पर 10 किलो, महेश गौत्तम की दुकान पर 50 किलो, लक्ष्मी मिष्ठान्न भंडार पर 20 किलो, महेश गौत्तम पर 50 किलो, गणपति मिष्ठान्न भंडार से 30 किलो फफूंद लगे लड्डू बरामद किए गए, जिन्हें मौके पर ही खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने नष्ट करवा दिया.

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बारिश के कारण खराब हुई मिठाई?

सीएमएचओ ने बताया कि मोनू उर्फ कपिल गौत्तम व आशीष गौत्तम, रवि गौत्तम, महेश गौत्तम के भंडार गृह बंद मिले जिस कारण इनका निरीक्षण नहीं किया जा सका. जिन विक्रेताओं की दुकान खुली थी, उनके नमूने लिए गए. दाधीच मिष्ठान्न भंडार से लड्डू व घी लोटस का सैंपल लिया गया. साथ ही बंद मिले गोदामों को सील किया गया. सीएमएचओ ने बताया कि 6, 7 व 8 सितंबर को आयोजित गणेश मेले के पश्चात अत्यधिक बारिश व रास्ता अवरुद्ध होने के कारण श्रद्धालुओं की कम संख्या में पहुंचने और मंदिर में चल रहे निर्माण कार्य के चलते श्रद्धालुओ के लिए त्रिनेत्र गणेश मंदिर 2 अक्टूबर तक बंद रहने से दुकानों में रखा माल खराब हो गया.  मिठाई की दुकानों के गोदामों में भारी मात्रा में फफूंद लगे लड्डूओं को भी सीज किया गया.

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10वीं सदी में बनाया गया था मंदिर

त्रिनेत्र गणेश मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है. इसका निर्माण 10वीं सदी में रणथंभौर के राजा हम्मीर देव ने करवाया था. युद्ध के दौरान राजा के सपने में गणेश जी आए और उन्हें आशीर्वाद दिया. राजा की युद्ध में विजय हुई और उन्होंने किले में मंदिर का निर्माण करवाया. कहा जाता है कि 1299 में राजा हम्मीर और अलाउद्दीन खिलजी के बीच युद्ध चला. जब युद्ध शुरू हुआ तो प्रजा और सेना की जरूरत को देखते हुए ढेर सारा खाद्यान्न और जरूरत की वस्तुओं को सुरक्षित रखवा लिया था. पर युद्ध लंबे अरसे तक चलने की वजह से हर चीज की तंगी होने लगी. तब राजा हमीर के सपने में भगवान गणेश ने आकर आश्वासन दिया कि उनकी विपत्ति जल्द ही दूर हो जाएगी. तब राजा हमीर द्वारा इस मंदिर का निर्माण करवाया गया.

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