Rajasthan: बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने पाकिस्तान से आए चार लोगों को भारत की नागरिकता दी. गुड्डी बाई, जेतमाल सिंह, सवाई सिंह और लक्ष्मी बाई को भारत की नागरिकता मिली है. ये आम भारतीय नागरिक की तरह रह सकेंगे. टीना डाबी ने शुक्रवार (21 फरवरी) को भारत की नागरिकता के प्रमाण पत्र सौंपा. बाड़मेर में रह रहे पाकिस्तानी अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के लंबित नागरिकता के आवेदनों के निस्तारण और भारत की नागरिकता देने के लिए शिविर आयोजित किया था.
भारत की नागरिकता मिलने पर हुए भावुक
गुड्डी बाई, जेतमाल सिंह, सवाई सिंह और लक्ष्मी बाई कई सालों से बाड़मेर रह रहे थे. भारत की नागरिकता मिलने के बाद बहुत खुश हुए और भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि जिम्मेदार नागरिक की तरह अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे. जिला कलेक्टर टीना डाबी ने बताया कि प्रशासन विस्थापितों को नागरिकता दे रहा है.
पहले भी मिल चुकी भारत की नागरिकता
पहले भी कई विस्थापितों को भारतीय नागरिकता दी जा चुकी है. CAA के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी सहित ईसाई धर्म के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का नियम है. बाड़मेर जिला मुख्यालय में विशेष शिविर आयोजित हुआ था. लंबे समय से बाड़मेर में स्थायी रूप से रहने वालों ने आवेदन किया था, उनपर विचार करके भारत की नागरिकता दी गई. अब वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे.
पिछले महीने 10 लोगों को मिली थी नागरिकता
पिछले महीने इसी तरह के एक शिविर में 10 विस्थापितों को नागरिकता दी गई थी. जबकि, गणतंत्र दिवस पर भी कई विस्थापितों को भारतीय नागरिकता मिली थी. नागरिकता मिलने के बाद उन्होंने पहली बार एक भारतीय नागरिकता के रूप में गणतंत्र दिवस मनाया और अपने घरों पर तिरंगा फहराया.
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