कन्फ्यूजन ही कन्फ्यूजन! मंत्री ने माना गर्मी से 12 की हुई मौत, आपदा प्रबंधन ने 6 और स्वास्थ्य विभाग ने बताया एक की हुई मौत

Rajasthan News: राजस्थान में भीषण गर्मी के दौर में जनता को राहत देने की बजाय सरकारी तंत्र हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों के आंकड़ों को लेकर आपस में ही उलझ गया है. आपदा प्रबंधन विभाग और हेल्थ डिपार्टमेंट की रिपोर्ट बिल्कुल अलग है. विभाग के मंत्री का बयान कुछ और ही कहानी कह रहा है.   

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राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा.

Rajasthan News: दो दिन पहले जब राजस्थान में हीट स्ट्रोक से 12 लोगों की मौत की खबर आई तो हड़कंप मच गया. आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने हीट स्ट्रोक से 12 लोगों की मौत मानते हुए मृतकों के परिजनों को राहत पैकेज का ऐलान कर दिया.  शाम होते-होते आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों ने अलग ही कहानी बयां कर दी. आपदा प्रबंधन ने माना कि प्रदेश में भी हीट स्ट्रोक से केवल 6 लोगों की मौत हुई है.  जबकि, 6 अन्य की मौत अलग अलग कारणों से होना पाया गया है.  कल चिकित्सा विभाग ने अपना आंकड़ा जारी किया. उसमें आपदा प्रबंधन और मंत्री के बयानों से बिल्कुल अलग है. प्रदेश में हीट स्ट्रोक से केवल एक ही मौत होना बताया गया है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 19 लोगों की हुई मौत  

राजस्थान में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक करीब 19 लोगों की हीट स्ट्रोक से मौत हो चुकी है. आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने 12 लोगों की मौत मानकर मुआवज़े का ऐलान किया था. लेकिन, आपदा प्रबंधन विभाग के अब तक 6 लोगों की हीट स्ट्रोक से मौत होने की ही पुष्टि की है. आपदा प्रबंधन एक्ट में हीट स्ट्रोक से मरने वालों के लिए मुआवज़े की व्यवस्था नहीं है.  आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक़ हीट स्ट्रोक से मरने वालों में बालोतरा के तीन भीलवाड़ा,  बीकानेर और जोधपुर के एक-एक व्यक्ति शामिल है. 

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अभी तक एक भी हीट स्ट्रोक से मौत प्रमाणित नहीं हुई 

चिकित्सा विभाग का दावा बिलकुल अलग है. प्रदेश में अभी तक हीट स्ट्रोक से एक ही मौत प्रमाणित हुई है. अब तक 2243 रोगी हीट स्ट्रोक सामने आये हैं. लेकिन, हीट स्ट्रोक से एक भी मौत प्रमाणित नहीं हुई है.  कोटा और जयपुर में एक-एक मौत लू-तापघात से संदिग्ध श्रेणी में मानी गई थी. डेथ ऑडिट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इन दोनों मौत को भी हीट स्ट्रोक के कारण नहीं होना पाया है. 

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पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साधा निशाना साधा  

गहलोत ने Xपर लिखा, "मुझे ऐसा याद है कि 1990  के दशक में भी एक बार इसी तरह राजस्थान में कुछ जगह तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के पार गया था.  तब भी हीट स्ट्रोक के कारण लोग हताहत हुए थे. अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के इलाज के लिए बर्फ की सिल्लियां लाई गईं. हीट स्ट्रोक के वार्ड्स का तापमान कम कर इलाज किया गया था. राजस्थान में हीट स्ट्रोक से अभी तक एक दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.  सरकार गर्मी से होने वाली परेशानियों से निपटने का पूरा इंतजाम रखे.  मजदूर एवं निम्न आय वर्ग के लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने वाले समृद्ध वर्ग से निवेदन है कि इस गर्मी में सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सुबह और शाम में ही काम करवाएं जिससे इनका जीवन और आजीविका दोनों चल सकें."

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