Rajasthan News: राजस्थान के पाली जिले के बाली उपखंड के आदिवासी क्षेत्र में एक ऐसी बीमारी फैलने की बात सामने आई है. ऐसा कहा जा रहा है कि मरीज को तीन से चार दिन बुखार और सिरदर्द रहता है और फिर उसकी मौत हो जाती है. हालांकि यह भी बात सामने आई है कि यहां रह रहे लोग झोला झाप डॉक्टरों के चंगुल में फंसे हुए हैं. कथित रूप से यहां 90 लोगों की अब तक जान जाने की बात कही जा रही है. हालांकि सरकारी अस्पताल के अधिकारी इस बारे में जानकारी दी है कि इलाके में ऐसी कोई बीमारी नहीं है.
इस बारे में एनडीटीवी ने हेल्थ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर रवि शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि इस इलाके में लगातार डॉक्टरों के कैंप लगाए जा रहे हैं, जैसे की पूरे राजस्थान में कैंप लगाए जा रहे हैं और कैंप में लोगों का अच्छे से इलाज किया जा रहा है. लेकिन किसी तरह की बीमारी सामने नहीं है. उन्होंने खुद CMHO से भी इस बारे में बात की है. जिसमें बताया गया कि इलाके में ऐसी कोई बात नहीं है. उन्होंने यह भी बताया कि लोगों में इस तरह का भ्रम है और इस भ्रम की वजह से लोग गुमराह हो रहे हैं.
बिना जानकारी के झोला छाप डॉक्टर कर रहे इलाज
यातायात के साधन और शिक्षा की कमी पूरा आदिवासी क्षेत्र में है. पहाड़ी क्षेत्र उत्तर टीलों पर अलग-अलग जगह पर कच्चे झोपड़े ओर केलूपोश मकान बनाकर रहते हैं. रात को तबीयत खराब भी हो जाय तो एंबुलेंस जाने के लिए रास्ता कठिन हो जाता है. अपने स्तर पर ही लोग आसपास के झोला छाप डॉक्टर के पास पहुंचते हैं. जबकि डॉक्टर इंजेक्शन ओर दवाई दे देता जिस बीमारी की जानकारी तक उसे नहीं होती. नतीजा तबीयत बिगड़ती जाती है और मरीज की मौत तक हो जाती है.
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