Rajasthan Election 2023: कल्याणकारी योजनाएं रिपीट कर रही है कांग्रेस सरकार, नामांकन के वक़्त बोले धारीवाल

महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर के टिकट कटने के सवाल पर मंत्री धारीवाल ने कहा टिकट करते और जुड़ते रहते हैं. इसमें कोई खास बात नहीं है. चुनाव के वक़्त इस तरह की घटनाएं आम बात है.

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मंत्री शांति धारीवाल
kota:

Rajasthan Election 2023: कांग्रेस की आखिरी सूची में यूडीएच (नगरीय विकास एवं आवासन विभाग मंत्री) मंत्री शांति धारीवाल का नाम आने के बाद समर्थकों में उत्साह का माहौल है. शांति धारीवाल ने आज कोटा उत्तर विधानसभा से अपना नामांकन दाखिल किया है. इससे पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल प्रसिद्ध गणेश मंदिर पहुंचे. जहां उन्होंने गणपति के दर्शन कर आशीर्वाद लिया फिर वह नामांकन दाखिल करने गए. नामांकन के बाद मंत्री धारीवाल ने दावा किया है कि कांग्रेस की सरकार रिपीट होने जा रही है.

अपने कार्यकर्ताओं के साथ नामांकन भरने पहुंचे शांति धारीवाल

पुत्र और पौत्र के साथ नामांकन भरने गए 

देश के किसी प्रदेश में ऐसी कल्याणकारी योजनाएं जनता के लिए लागू नहीं की गई है. जो काम कांग्रेस सरकार ने किया है  वह अद्वितीय है. नामांकन दाखिल करने मंत्री धारीवाल अपने पुत्र अमित धारीवाल और पोत्र गर्वित धारीवाल के साथ जिला कलेक्टर कोटा ,उत्तर निर्वाचन विभाग के रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष पहुंचे और अपना परिचय दाखिल किया.

नामांकन के बाद मंत्री धारीवाल ने दावा किया है कि कांग्रेस की सरकार रिपीट होने जा रही है.

राजस्थान जैसी योजनाएं देश में कहीं नहीं

नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राजस्थान सरकार ने जो योजनाएं शुरू की है. ऐसी योजनाएं देश में कहीं नहीं है. लाखों की संख्या में लोगों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है. बीजेपी के पास इस बार कोई चुनाव में कोई मुद्दा ही नहीं है. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सरकार रिपीट होने जा रही है. गरीब निर्धन वर्ग के साथ मध्यम वर्ग के लिए भी राजस्थान सरकार की योजनाएं अभूतपूर्व है.

निजी बिजली कंपनी बीजेपी सरकार में आई

कोटा में निजी बिजली कंपनी को हटाने के सवाल पर मंत्री धारीवाल ने कहा कि निजी बिजली कंपनी केईडीएल. तत्कालीन भाजपा सरकार के वक्त आई थी. सरकार ने उनसे 20 साल का एग्रीमेंट किया था. हमने बिजली कंपनी को भगाने का प्रयास किया. लेकिन वह कोर्ट से स्टे ले आए. क्योंकि बीजेपी के उस वक्त के विधायकों की रजामंदी से ही निजी बिजली कंपनी कोटा में दाखिल हुई थी.

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