Rajasthan Budget 2024: 'केंद्र सरकार से मिलने वाला पैसा...' भजनलाल सरकार के बजट पर सचिन पायलट ने क्या कहा?

दिया कुमारी ने भजनलाल सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश किया. राजस्थान सरकार के बजट पर सचिन पायलट ने कहा कि जनता को सरकार से महंगाई और बेरोजगारी को कम करने के लिए कोई ठोस कदम उठाये जाने की उम्मीद थी, लेकिन बजट से प्रदेश की जनता को निराशा ही हाथ लगी है. 

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फाइल फोटो

Rajasthan Budget 2024: राजस्थान के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कहा कि सरकार ने महंगाई और बेरोजगारी कम करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. न ही सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम को कम करने के लिए काम किया. बता दें कि दिया कुमारी ने बुधवार को भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sharma Govt) का पहल पूर्ण बजट पेश किया. इस दौरान वित्त मंत्री ने एक साथ पंचायत चुनाव कराने से लेकर लखपति दीदी योजना समेत कई बड़ी घोषणाएं कीं हैं. 

'राजस्थान के युवाओं के हाथ लगी निराशा'

बजट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने कहा कि जनता को सरकार से उम्मीद थी कि प्रदेश में लगातार बढ़ रही महंगाई और बेरोजगारी को कम करने के लिए बजट (Rajasthan Budget 2024) में कोई ठोस कदम उठाये जायेंगे, लेकिन बजट से प्रदेश की जनता को विशेषकर मध्यम वर्ग, किसान, युवाओं को निराशा ही हाथ लगी है. 

उन्होंने कहा कि हरियाणा के बाद देश में सबसे अधिक बेरोजगारी दर वाले राजस्थान की बेरोजगारी दर को कम करने का सरकार द्वारा बजट में कोई रोमैप प्रस्तुत नहीं किया गया है. सरकार को बेरोजगारी को कम करने के लिए अगले पांच सालों में 4 लाख भर्तियां करने का संकल्प मात्र लेने के स्थान पर इसके लिए ठोस कार्य योजना प्रस्तुत करनी चाहिए थी. बेरोजगारी भत्ते पर बजट में चुप्पी साध ली गई है जिससे सरकार की मंशा पर सवाल उठते हैं. 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सचिन पायलट ने लिखा, "सदन में एम.एस. स्वामीनाथन जी के कथन को पढ़ा, लेकिन MSP को कानूनी दर्जा देने और उसे लागू करने को लेकर कुछ बोला होता तो बेहतर रहता. डबल इंजन की सरकार MSP के कानूनी प्रावधान पर चुप है. जमीनी वास्तविकता एवं समस्याओं से दूर यह बजट पूर्ण रूप से दिशाहीन एवं लोगों की अपेक्षाओं के विपरीत है."

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'कर्ज को कैसे कम करेगी सरकार'

पायलट ने आगे कहा कि अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई को कम के लिए कोई काम नहीं किया गया है. केन्द्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद पेट्रोल, डीजल, केरोसीन के दामों को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. ईआरसीपी के पहले फेज के काम आदेश क्या भारत सरकार द्वारा दोनों राज्यों की सहमति और राष्ट्रीय परियोजना घोषित हुए बिना और केंद्र से 90 प्रतिशत फंडिंग के बिना कर दिए.

केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि का बजट भाषण में कोई जिक्र नहीं है. न ही यह उल्लेख है कि ईआरसीपी और यमुना परियोजना के लिए केंद्र सरकार से इस वर्ष क्या सहयोग मिलेगा. कांग्रेस नेता ने कहा कि बिजली कंपनियों पर कर्ज का बार बार उल्लेख किया गया है, लेकिन भाजपा सरकार इस कर्ज को किस तरह कम करेगी, इसका कोई रोडमैप बजट में नहीं रखा गया है. उन्होंने कहा कि जिन बड़ी योजनाओं की घोषणाएं की गई हैं, उनमें से अधिकतर योजनाओं पर इस वर्ष बहुत कम व्यय होना दिखाई देता है.

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