Rajasthan: "नौजवान की परिभाषा च्युइंग गम की तरह है", कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कही ये बात

Rajasthan Politics: राजनीति में आने के फैसले पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिता के निधन के बाद यह तय करने में चार साल लगे.

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फाइल फोटो.

Sachin Pilot in Jaipur: जयपुर में 'महात्मा गांधी : एक संक्षिप्त परिचय' पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट शामिल हुए. लेखक नरेश दाधीच की पुस्तक के विमोचन के दौरान नीरजा चौधरी भी कार्यक्रम में शामिल हुई. उन्होंने कहा कि हमे गांधी को पढ़ने के साथ ही समझना भी होगा. कार्यक्रम के दौरान जब नरेश दाधीच ने पायलट को 'एक्सीडेंटल पॉलिटिशियन' बताया तो पायलट ने कहा कि मैं एक्सीडेंटल पॉलिटिशियन नहीं हूं. यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि सोच–विचार कर लिया गया फैसला है. उन्होंने कहा कि मैने अच्छी पढ़ाई की, मैं और कोई काम भी कर सकता था. लेकिन बहुत सोच-विचार के बाद मैने राजनीति में आने का विकल्प चुना. 

यह तय करने में 4 साल लगे- पायलट

राजनीति में आने के फैसले पर बात करते हुए पिता राजेश पायलट को याद किया और कहा कि उनके निधन के बाद यह तय करने में चार साल लगे. साथ ही कहा कि आजकल कुछ लोग सिर्फ महात्मा गांधी को लाभ लेने के लिए इस्तेमाल करते हैं. महात्मा गांधी ने विचारधारा से ऊपर उठकर राष्ट्र निर्माण का सपना देखा था. 

कांग्रस नेता ने कहा कि वे कहते थे कि ईश्वर–अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान. आज लोग इस वाक्य को बोलकर बता दें. सफाई अभियान के लिए गांधी जी के चश्मे का इस्तेमाल कर लिया जाता है, लेकिन उन्हें जीवन में भी उतारा जाना चाहिए.

बोले- लोगों का भरोसा हासिल करना बड़ा काम

उन्होंने कहा कि नौजवान की परिभाषा च्युइंग गम की तरह है, इसे 20 से 70 तक बढ़ाया जा सकता है. नौजवान तो 18, 20 या 25 साल के युवा होते हैं. पायलट बोले, "लोगों का भरोसा हासिल करना बड़ा काम है. आप इस विश्वास को नहीं खरीद सकते. आप इसे पड़ोसी या चाचा–ताऊ से नहीं ले सकते. इसके लिए लोगों के बीच रहना होता है, काम करना होता है. तब जाकर लोगों का विश्वास जीता जाता है."

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