Rajasthan Election: ERCP को लेकर कांग्रेस कल से शुरू करेगी जनजागरण यात्रा, मटके फोड़कर कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

इस बार के विधानसभा चुनाव में ERCP एक अहम मुद्दा बनने जा रहा है. कांग्रेस की मांग है कि केंद्र सरकार ERCP को राष्ट्रीय योजना का दर्जा दे.

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प्रदर्शन करते लोग

Rajasthan Election 2023: राजस्थान में चुनावी माहौल उफान पर है. चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सभी दल अपने- अपने मुद्दों को लेकर चुनाव प्रचार में लगे हैं. कांग्रेस कल से बारां ज़िले से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ( ERCP ) को लेकर यात्रा की शुरुआत कर रही है, जिसका शंखनाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे करेंगे.

गौरतलब है कांग्रेस केंद्र सरकार से ERCP को राष्ट्र्रीय परियोजना घोषित करने की मांग कर रही है. इससे पहले आज रविवार को ERCP के अंतर्गत आने वाले ज़िलों में ग्राम स्तर पर परियोजना को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है. करौली जयपुर के आमेर में महिलाओं ने मटकियां फोड़ कर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. 

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अलवर ज़िले में कांग्रेसियों का प्रदर्शन 

यात्रा के मद्देनज़र अलवर में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मटका फोड़ कर प्रदर्शन किया. जिला कांग्रेस कमेटी अलवर द्वारा शहर के नंगली सर्किल पर मटका फोड़ विरोध प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी और सदस्य गण मौजूद रहे .कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा ने बताया कि अलवर जिले की तिजारा, किशनगढ बास, मुण्डावर, बहरोड़, बानसूर, रामगढ़, अलवर ग्रामीण, अलवर शहर, थानागाजी, राजगढ, कठूमर विधानसभा क्षेत्रों में मटकी फोड़ कर प्रदर्शन किया जा रहा है. 

कल बारां से यात्रा की शुरुआत 

पूर्वी राजस्थान की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को लेकर कांग्रेस पार्टी के जनजागरण अभियान का आगाज बारां जिले से होगा. सोमवार 16 अक्टूबर को बारां में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सीएम अशोक गहलोत सहित प्रदेश के कई नेताओं का संबोधन होगा. इसी के साथ कांग्रेस पार्टी राजस्थान में चुनावी समर की शुरुआत यहीं से करेगी. कार्यक्रम को लेकर जलसंसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय, मंत्री प्रमोद जैन भाया एवं विधायक पानाचंद मेघवाल ने सभा स्थल पर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. 

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इन 13 जिलों के लिए अहम है ईआरसीपी

इस परियोजना से लाभान्वित होने वाले 13 जिलों में झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर है.

परियोजना का 86 विधानसभा सीटों पर सीधा असर

इस परियोजना का 86 विधानसभा सीटों पर सीधा असर है. फिलहाल इनमें से ज्यादा सीटें कांग्रेस के पास है. कांग्रेस इन सीटों पर अपनी मजबूत स्थिति को और मजबूत करना चाहती है. इसीलिए सरकार ने बजट में भी इस प्रोजेक्ट के लिए राशि की घोषणा की थी. कांग्रेस के नेता इस मुद्दे पर लगातार हमलावर रहे हैं.

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ERCP से 40 फीसदी से अधिक आबादी को लाभ 

राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है. यह देश के क्षेत्रफल के 10 फीसदी हिस्से में फैला हुआ है, लेकिन यहां भूजल सिर्फ 1.72 फीसदी है. कैनाल परियोजना से राजस्थान की 40 फीसदी से अधिक जनसंख्या को लाभ मिलेगा. 40,000 करोड़ की इस परियोजना की घोषणा 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने की थी. बीते कुछ समय से इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने कि मांग की जा रही है. ऐसा होने से 90 फीसदी राशि केंद्र और 10 फीसदी राशि राज्य को खर्च करनी होगी.

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