9 साल की मासूम बच्ची के साथ चचेरे भाई ने किया दुष्कर्म, अदालत ने सुनाई कठोर सजा 

श्रीगंगानगर में चचेरे भाई ने नशे के हालत में नाबालिक बहन को कमरे में अकेला पाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. अदालत ने आरोपी युवक को पोक्सो एक्ट की धाराओं के तहत 20 साल कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा से दंडित किया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
श्रीगंगानगर:

हवस की आग में कई बार इंसान इतना अंधा हो जाता है कि वह इंसानी रिश्तो को तार-तार करने से भी गुरेज नहीं करता और ऐसी वारदात को अंजाम दे देता है जिससे पूरी मानवता शर्मशार हो जाती है. श्रीगंगानगर जिले में अदालत ने 9 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी कलयुगी चचेरे भाई को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ-साथ एक लाख रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है. यह मामला मार्च 2022 में केसरीसिंहपुर थाना क्षेत्र में दर्ज किया गया था.

क्या है पूरा मामला

न्यायालय की विशेष लोक अभियोजक नवप्रीत कौर संधू ने बताया कि केसरीसिंहपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी महिला ने पुलिस थाना में मुकदमा दर्ज करवाते हुए बताया था कि परिवार के सभी लोग रिश्तेदारी में शादी में गए थे और जब बच्ची कपड़े बदलने के लिए कमरे में आई तो कमरे में पहले से ही मौजूद चचेरे भाई ने मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया. आरोपी उस समय शराब के नशे में था. जब बच्ची ने शोर मचाया और किसी रिश्तेदार ने दरवाजा खोला तो लड़का भाग गया. इसके बाद पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और अदालत में चालान पेश किया. 

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अपने ही परिजनों से उलझा था आरोपी

जब इस घटना का पता परिवार के लोगो को चला तो आरोपी युवक अपने परिवार के लोगो से ही उलझ पड़ा. इस दौरान परिवार के लोगो ने आरोपी युवक के साथ मारपीट भी की और पुलिस के हवाले कर दिया. आरोपी युवक तब से न्यायिक अभिरक्षा में है.

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20 साल कठोर कारावास की सुनाई गयी सजा

मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने अदालत में 14 गवाह और 36 दस्तावेज पेश किये. अदालत ने आरोपी युवक को पोक्सो एक्ट की धाराओं के तहत 20 साल कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा से दंडित किया है. जुर्माना राशि जमा होने पर यह राशि पीड़िता की मां को दी जाएगी. यदि आरोपी जुर्माना नहीं देता है तो 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. अदालत का फैसला आने पर परिजनों ने इस फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि इस तरह के फैसलों से अपराध करने वालो में डर फैलता है और अपराध में कमी आती है.

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