Rajasthan Politics: 'रोओ या चिल्लाओ, तुम्हें ठुकरा दिया जाएगा', सतीश पूनिया ने कांग्रेस की महारैली से पहले राहुल गांधी पर साधा निशाना

Satish Poonia Interview: राजस्थान में सतीश पूनिया ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल को 'देशद्रोह' जैसा बताया है. पूनिया का कहना है कि राहुल गांधी कितना भी रोएं, जनता उन्हें नकार देगी.

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कांग्रेस को जनता ने नकारा, अब अस्तित्व के लिए संघर्ष: गंगानगर से पूनिया का कांग्रेस को कड़ा संदेश
NDTV Reporter

Rajasthan News: राजस्थान बीजेपी के दिग्गज नेता और हरियाणा भाजपा प्रभारी सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने शनिवार को श्रीगंगानगर में NDTV राजस्थान से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक दिशा और नेतृत्व पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कांग्रेस (Congress) की वर्तमान रणनीति को 'भटकाव' की राजनीति करार दिया और सीधे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर निशाना साधते हुए कहा कि अब वह 'कितना भी रोएं, कितना ही चिल्लाएं, कितना ही हल्ला मचाएं', जनता ने उन्हें नकार दिया है और पार्टी अपने अस्तित्व (Survival) के लिए संघर्ष कर रही है.

'संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल देशद्रोह जैसा'

पूनिया का यह बयान उस समय आया है जब कांग्रेस दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ एक बड़ी महारैली (Congress Maha Rally) की तैयारी कर रही है, जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने भी बड़ी संख्या में लोगों को जुटाने का दावा किया है. पूनिया ने इस दावे को खारिज करते हुए कांग्रेस की हताशा को उजागर करने की कोशिश की है. पूनिया ने कहा- 'अच्छा यह होता कि राहुल गांधी को राजनीतिक परिपक्वता हासिल होती, वे विपक्ष का धर्म निभाते और अच्छे मुद्दों पर तर्क करते. लेकिन लोकतंत्र और संविधान से उपजी संस्थाओं पर सवाल खडे़ करना, देश के लोकतंत्र को कमजोर करने जैसा और देशद्रोह (Treason) जैसा मामला है.'

'मीठा गप-गप, खारा थू-थू'

उन्होंने कांग्रेस के दोहरे मापदंड (Double Standards) पर तंज कसने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी के कथन "मीठा-मीठा गप-गप, खारा-खारा थू-थू" का इस्तेमाल किया. पूनिया ने कहा, 'जब कांग्रेस जीतती है तो चुनाव आयोग सही होता है, लेकिन हारने पर वह खराब हो जाता है.' पूनिया ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में जाकर भी देश की साख को बट्टा लगाने का काम कर रही है, और यही कारण है कि वह सत्ता से बाहर हो गई है. पूनिया का मत है कि कांग्रेस ने विपक्ष का धर्म छोड़ दिया है. एक मजबूत विपक्ष का काम है सरकार को जनता से जुड़े मुद्दों पर घेरना. लेकिन कांग्रेस, संस्थाओं पर हमला करके, मुख्य विमर्श से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.

SIR सुधार vs फर्जी वोटर्स

इस दौरान SIR पर बात करते  हुए पूनिया ने केंद्र सरकार के वोटर आईडी सुधार (SIR) को लोकतंत्र की मजबूती का आधार बताया. उन्होंने स्पष्ट किया कि वोटों की डुप्लीकेसी दूर करने का यह प्रयास किसी जाति या धर्म के खिलाफ नहीं है. उन्होंने बिहार का उदाहरण दिया, जहां इस सुधार के बाद 60 लाख से अधिक फर्जी या डुप्लीकेट वोटर हटाए गए हैं. पूनिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और कुछ क्षेत्रीय दलों को इसीलिए परेशानी हो रही है क्योंकि डुप्लीकेट वोटर हटने से उनकी 'फर्जी समर्थक भीड़' कम हो जाएगी. पूनिया के अनुसार, इन सुधारों से 'ऑर्गेनिक वोटर' बचेंगे, जिससे भीड़ कम होगी, संसाधन कम लगेंगे और लोकतंत्र स्वस्थ होगा.

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पंचायत चुनाव और बंगाल पर जवाब

पंचायत चुनाव में देरी को लेकर कांग्रेस नेता डोटासरा के आरोपों पर पूनिया ने कांग्रेस पर ही पलटवार किया. उन्होंने कहा कि देरी का कारण 'बीजेपी का डर' नहीं, बल्कि पिछली कांग्रेस सरकार से मिली विरासत और उनके कार्यकाल में हुए पुनर्सिमांकन (Redistribution) की गड़बड़ियां हैं. वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरते हुए पूनिया ने तीखी टिप्पणी की कि "हिंदुस्तान धर्मशाला नहीं है" और बंगाल में वोटर सूची से जो रिकॉर्ड तोड़ नाम हटाए जा रहे हैं, वह ममता बनर्जी के फर्जी वोटर समर्थकों का खुलासा है, जिससे उनका राजनीतिक असंतुलन दूर हो रहा है.

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