Dasha Mata Vrat 2025: दशा माता व्रत रख महिलाओं ने की पूजा- अर्चना, पीपल पर कच्चा सूत बांधकर परिवार के सौभाग्य व समृद्धि की कामना

Rajasthan: सोमवार को राजस्थान में दशा माता व्रत बड़े उत्साह के साथ मनाया गया. इस व्रत में महिलाओं ने देवी की पूजा कर अपने परिवार की खुशहाली की कामना की.

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दशा माता की पूजा करती महिलाएं

Udaipur News: आज यानी सोमवार को दशा माता व्रत है. यह व्रत मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को रखती हैं. इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और घर की दिशा और दशा में सकारात्मक बदलाव आता है.

विवाहित महिलाएं करती हैं विशेष पूजा

दशा माता की पूजा केवल विवाहित महिलाएं ही करती हैं. इस दिन वे अपने और अपने परिवार की लंबी उम्र के लिए दशा माता से प्रार्थना करती हैं. दशा माता व्रत के दिन कच्चे सूत के 10 धागों वाले धागे में 10 गांठें बांधी जाती हैं. 

दशा माता का वास पीपल के वृक्ष में है

पीपल के पेड़ में दशा माता का वास माना जाता है. इसलिए महिलाएं पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं. होली से दशमी तक यह व्रत रखने वाली महिलाएं हर दिन मंदिर जाकर देवी की पूजा करती हैं.

दशमी के दिन होती है पूजा

इसके बाद दशमी के दिन दशा माता की पूजा की जाती है और उन्हें नए वस्त्र पहनाकर भोग लगाया जाता है. और महिलाएं दशा माता की आरती उतारती हैं और अपनी मनोकामना मांगती हैं तथा दशा माता की कथा सुनती हैं.

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दशा माता पूजा मुहूर्त

दशा माता पूजा मुहूर्त की बात करें तो 24 मार्च 2025 को सुबह 6.20 बजे से 7.52 बजे तक, फिर सुबह 9.24 बजे से 10.56 बजे तक, इसके बाद दोपहर 12.03 बजे से 12.52 बजे तक, फिर 3.31 बजे से 5.03 बजे तक और शाम 5.03 बजे से 6.35 बजे तक शुभ मुहूर्त हैं। इस दौरान दशा माता की पूजा की जा सकती है.

कैसे की जाती है पूजा

इस दिन महिलाएं पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं और उसमें गांठ लगाकर कच्चे सूत का धागा चढ़ाती हैं. इस धागे की विधिवत पूजा करने के बाद इसे माला की तरह गले में पहना जाता है. व्रत कथा सुनने के बाद ही इसे खोला जाता है और पूरे दिन बिना नमक का भोजन किया जाता है. दशा माता को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है। यह व्रत ग्रहों की प्रतिकूलता को दूर करने और परिवार की उन्नति के लिए किया जाता है.

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लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए की जाती है पूजा

दशा माता की पूजा का यह व्रत महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है. महिलाएं लंबी आयु, सुखी जीवन और परिवार में समृद्धि के लिए यह व्रत रखती हैं.

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