राजस्थान में 4 लोगों की हीट वेव से मौत की पुष्टि, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- लापरवाही पर नपेंगे अधीक्षक

राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग ने हीट स्ट्रोक से मरने वालों की संख्या 4 बताई है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने हीट वेव प्रबंधन को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की है. जिसमें उन्होंने कई दिशा निर्देश जारी किये हैं.

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Rajasthan Heat Wave Death: राजस्थान में भीषण गर्मी के साथ हीट वेव लोगों के लिए जी का जंजाल बना है. जहां सरकारी और निजी अस्पतालों में हीट वेव के मामले काफी ज्यादा देखे जा रहे है. वहीं कुछ रिपोर्ट में सामने आया है कि हीट वेव से काफी संख्या में अज्ञात लोगों की मौत हुई है. कोटा से खबर सामने आई है कि 48 घंटे में 21 अज्ञात लोगों की हीट वेव से मौत हुई है. वहीं पूरे प्रदेश में आंकड़ा करीब 50 तक पहुंचा है. हालांकि, यह सरकारी आंकड़ों से बेहद दूर दिख रहा है. राजस्थान स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किये गए नए आंकड़ों के मुताबिक, अब तक प्रदेश में केवल 4 मौतें हीट वेव से हुई है. यानी हीट वेव से 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है.

वहीं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक हीट स्ट्रोक के मामले में 3965 मरीज अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे है. जबकि इमरजेंसी में 1 लाख 18 सौ 83 मरीज अस्पताल में पहुंचे हैं. स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने हीट वेव प्रबंधन को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की है. जिसमें उन्होंने कई दिशा निर्देश जारी किये हैं.

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लापरवाही पर नपेंगे अस्पताल अधीक्षक

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने हीटवेव से बचाव एवं उपचार के लिए उच्च स्तरीय प्रबंधन किया है. हीटवेव प्रबंधन की मॉनिटरिंग के लिए हर अस्पताल पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. उन्होंने निर्देश दिए कि प्राकृतिक आपदा की इस घड़ी में पूरा चिकित्सा तंत्र अलर्ट मोड और प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ काम कर आमजन को राहत दे. उन्होंने कहा कि चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर कोई भी लापरवाही या कमी सामने आती है तो संबंधित अस्पताल अधीक्षक की जिम्मेदारी तय की जाएगी. 
प्रस्तुतीकरण दिया गया. 

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रेपिड रेस्पॉन्स सिस्टम से पहुंचाएं रोगियों को राहत

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों सहित सभी चिकित्साकर्मी हीटवेव को लेकर विशेष सतर्कता बरतें. यह सुनिश्चित करें कि अस्पतालों में पंखे, कूलर, एसी, वाटर कूलर, जांच, दवा एवं उपचार के प्रबंधन में कोई कमी नहीं रहे. अधिकारी निरंतर फील्ड में जाकर चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण करें. संसाधनों की तात्कालिक उपलब्धता के लिए आरएमआरएस फण्ड का उपयोग करें या वैकल्पिक उपायों के माध्यम से तुरंत व्यवस्था सुनिश्चित करें. उन्होंने रेपिड रेस्पॉन्स सिस्टम के माध्यम से रोगियों को राहत प्रदान करने के निर्देश दिए.

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दानदाताओं एवं स्वयंसेवी संस्थाओं का लें सहयोग

खींवसर ने कहा कि हीटवेव के इस समय में आमजन को राहत के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि संकट एवं विपदा के समय उदारमना एवं भामाशाहों द्वारा आगे बढ़कर सहयोग करना राजस्थान का गौरवशाली इतिहास रहा है. अधिकारी इन दानदाताओं, भामाशाहों, स्वयंसेवी संस्थाओं तथा सोशल एक्टिविस्ट का भी हीटवेव प्रबंधन में सहयोग लेकर आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करें. 

हीट स्ट्रोक से मौतों के प्रमाणिक आंकडे़ आईएचआईपी पोर्टल पर

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. मौतों की अलग अलग संख्या मीडिया के माध्यम से सामने आ रही है, जबकि प्रमाणिक आंकडे़ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए जा रहे हैं, जो आईएचआईपी पोर्टल पर उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि हीटवेव से होने वाली मौतों के प्रमाणिक आंकडे़ भारत सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार डेथ ऑडिट के बाद चिकित्सा विभाग द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि  जयपुर, जोधपुर, नागौर एवं उदयपुर में एक-एक मौत की अभी ऑडिट की जा रही है.

मंत्री खींवसर ने कहा, राजस्थान में हीटवेव की प्रबलता के बावजूद अस्पतालों में स्थापित किए गए डेडीकेटेड हीट स्ट्रोक वार्डों में रोगियों की संख्या तथा प्रदेश में इससे होने वाली मौतें लगभग नगण्य हैं. 

हेल्पलाइन नंबर किये गए हैं जारी

चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव  शुभ्रा सिंह ने कहा है कि हीटवेव से प्रभावित रोगियों के उपचार के लिए चिकित्सा संस्थानों में डेडीकेटेड हीट स्ट्रोक वार्ड बनाए गए हैं. साथ ही उचित बैड आरक्षित किए गए हैं. राज्य व जिला स्तर पर कंट्रोल रूम संचालित किए जा रहे हैं. एम्बुलेंस में एयर कंडीशन एवं आईस पैक सहित अन्य आवश्यक उपचार सुविधाओं का प्रबंध किया गया है. समय-समय पर चिकित्साकार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया है और मॉक ड्रिल्स की गई हैं. हीटेवव से पीड़ित व्यक्ति राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम 0141-2225000, टोल फ्री नंबर - 1070 तथा आपातकालीन एम्बुलेंस सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 104 एवं 108 पर सम्पर्क कर सकता है. 

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