कोटा एयरपोर्ट की पुरानी जमीन बेचने का फैसला, शांति धारीवाल ने कहा- 10 साल से मौका तलाश रही थी बीजेपी

शांति धारीवाल ने कहा, पुराने एयरपोर्ट की जमीन को बेचने का कोई औचित्य नहीं है. पुराने एयरपोर्ट की जमीन पर कांग्रेस सरकार ने मिनी सचिवालय बनाने का प्रोजेक्ट बनाया था.

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Rajasthan Politics: राजस्थान के कोटा शहर में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट ओम बिरला की महत्वाकांक्षी योजना है. हालांकि इस पर अब सियासत शुरू हो गई है. एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर MOU के बाद एयरपोर्ट के पुराने जमीन को बेचने का फैसला किया गया है. इस फैसले पर पूर्व यूडीएच मंत्री और कोटा उत्तर के विधायक शांति धारीवाल ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा है कि डबल इंडन की सरकार के पास एयरपोर्ट निर्माण के लिए 1000 करोड़ रुपये भी नहीं हैं. 

शांति धारीवाल ने कहा, पुराने एयरपोर्ट की जमीन को बेचने का कोई औचित्य नहीं है. पुराने एयरपोर्ट की जमीन पर कांग्रेस सरकार ने मिनी सचिवालय बनाने का प्रोजेक्ट बनाया था. इसके साथ ही बाकी बची शेष जमीन पर सगन वृक्षारोपण कर कोटा वासियों को शुद्ध पर्यावरण उपलब्ध हो सके प्रोजेक्ट का बड़ा हिस्सा था. लेकिन भाजपा सरकार शहर वासियों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर मिनी सचिवालय की मिलने वाली सुविधाओं से कोटा वासियों को वंचित रखना चाह रहे है. 

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पुराने एयरपोर्ट की जमीन को बेचने का मौका तलाश रही थी बीजेपी

पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने बयान जारी कर बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार ने कोटा में नए एयरपोर्ट के लिए जमीन आवंटित की जमीन के साथ-साथ अन्य राज्य सरकार की ओर से किए जाने वाले कार्यों को भी अति संवेदनशीलता के साथ पूरा किया. लेकिन 10 साल से कोटा में नए एयरपोर्ट के काम को बीजेपी वाले अड़चने पैदा कर एयरपोर्ट को बनाने में अक्षमता जाहिर करते रहे.  नए-नए खर्च राज्य सरकार पर डाल रहे थे. क्योंकि उनकी मंशा पुराने एयरपोर्ट की जमीन बेचने की थी. अब जैसे ही केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार बनी है पुराने एयरपोर्ट की जमीन को बेचकर नया एयरपोर्ट निर्माण करवाने का MOU किया गया है. पुराने एयरपोर्ट की जमीन का पहचान करने की योजना बनाना कोटा शहर के लोगों के साथ कुठाराघात है. 

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9 एकड़ जमीन में मिनी सचिवालय बनाने का लिया था निर्णय

पूर्व मंत्री धारीवाल ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा है कि बीजेपी की सरकार ने कोटा में एयरपोर्ट को लेकर कभी प्रयास ही नहीं किया. पहले झालावाड़ कोलाना हवाई पट्टी को लेकर कोटा एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को नजरअंदाज किया गया, और जब कांग्रेस सरकार ने कोटा में नए एयरपोर्ट के लिए जमीन आवंटित कर दी. तो केंद्र की सरकार ने उसमें रोड़े अटकाकर प्रोजेक्ट को पूरा नहीं होने दिया.उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने कोटा में 6000 करोड़ के विकास कार्य करवाये जिसकी सुविधाओं का लाभ शहरवासियों को मिल रहा है. केंद्र की बीजेपी सरकार 10 साल में एयरपोर्ट की डीपीआर भी तैयार नहीं करवा सकी. पुराने एयरपोर्ट की जमीन पर मिनी सचिवालय बनाने का प्रोजेक्ट भी हमने प्रयास किये . पुराने एयरपोर्ट की कुल 467 एकड़ में से सिर्फ 9 एकड़ भूमि पर मिनी सचिवालय प्रस्तावित था. जिसमें कोर्ट परिसर सहित अन्य विभागों के आफिस बनाना प्रस्तावित था.

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