Rajasthan Politics: राजस्थान विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने जयपुर नगर निगम के नये परिसीमन को लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश करार दिया है. जूली ने कहा कि कांग्रेस ने सदैव सत्ता का विकेन्द्रीकरण कर आमजन को राहत प्रदान करने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राजनीतिक हित साधने के उद्देश्य से जयपुर के दोनों नगर निगमों को एक करते हुए नया परिसीमन किया है, इससे भाजपा को राहत मिले या न मिले, लेकिन आमजन को जरूर परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
जूली ने कहा कि जयपुर का बढ़ता फैलाव और घटते वार्ड किसी भी दृष्टि से व्यावहारिक नहीं कहे जा सकते. नये परिसीमन में कुछ वार्ड तो ऐसे थे, जहां भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था. हैरिटेज नगर निगम के मौजूदा तीन विधान सभा क्षेत्रों के तहत आने वाले 15 से ज्यादा वार्डों में बडा परिवर्तन किया गया है.
भाजपा हिडन एजेंडे को लेकर काम कर रही
जूली ने बताया कि देश में भाजपा अपने हिडन एजेंडे को लेकर काम कर रही है, इससे देश का संवैधानिक ढांचा कमजोर होगा. जूली ने बताया कि जयपुर के नगर निगम क्षेत्र में 10 विधान सभा क्षेत्र शामिल हैं, इनमें से तीन में कांग्रेस के विधायक हैं. इन तीन विधान सभा क्षेत्रों में नये परिसीमन के बाद मात्र 28 वार्ड होने का अनुमान है, जबकि भाजपा निर्वाचित विधायकों के विधान सभा क्षेत्रों में 122 वार्डों को शामिल किया गया है, इससे यह साफ जाहिर होता है कि राज्य सरकार की मंशा जनता को राहत पहुंचाने की नहीं, बल्कि अपना राजनीतिक हित साधने की है.
वार्डों के परिसीमन के माध्यम से राजनीतिक हित साध रहे
जूली ने कहा कि नई अधिसूचना जारी होने के बाद आदर्श नगर विधान सभा क्षेत्र में पहले 25 वार्ड थे, वहां 8 वार्ड कम कर 17 किए गए हैं. किशनपोल विधान सभा क्षेत्र में 21 की जगह 12 वार्ड किए गए हैं. इसी प्रकार हवामहल विधान सभा के मौजूदा 26 वार्डों में से 11 घटाकर 15 वार्ड किए गए हैं. इससे सरकार की मंशा साफ जाहिर होती है कि वह वार्डों के परिसीमन के माध्यम से राजनीतिक हित साध कर लोकतंत्र को कमजोर करना चाहती है.
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