मुस्लिम महापंचायत में उठी 10 % आरक्षण देने की मांग, गहलोत सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप

संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले हुई इस महापंचायत में वक्ताओं ने गहलोत सरकार पर मुस्लिम समाज के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया. साथ ही, आगामी विधानसभा चुनाव में खामियाजा भुगतने की चेतावनी भी दी

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महपंचायत में मौजूद मुस्लिम समुदाय के लोग

जयपुर के भट्टाबस्ती में स्थित 90 फिट रोड पर रविवार को मुस्लिम समुदाय द्वारा मुस्लिम महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें हज़ारों की तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने हक और अधिकारों को लेकर जबरदस्त हुंकार भरी. संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले हुई इस महापंचायत में वक्ताओं ने गहलोत सरकार पर मुस्लिम समाज के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया. साथ ही, आगामी विधानसभा चुनाव में खामियाजा भुगतने की चेतावनी भी दी. महापंचायत में मुस्लिम समुदाय से आने वाले 9 विधायकों और जयपुर नगर के 35 पार्षदों को भी बुलाया गया था, लेकिन इनमें से कोई नहीं पहुंचा.  इसको लेकर भी लोगों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला. 

मुस्लिम महापंचायत में सरकार के सामने 19 सूत्री मांगे रखी गईं, जिसमें मुख्य रूप से मुस्लिम समाज को अलग से 10% आरक्षण देने की मांग की गई. साथ ही शिक्षा,स्वास्थ्य,राजनीतिक, सामाजिक उत्थान को लेकर सरकार से बराबर की भागीदारी की मांगी गई.


मालूम हो कि, बीते दिनों जयपुर मुंबई ट्रेन गोलीकांड में एक एएसआई समेत तीन यात्रियों की मौत हो गई थी. जिसमें जयपुर के रहने वाले मोहम्मद असगर की गोली लगने से मौत हो गई थी, इसके बाद मृतक परिवार के लिए मुआवजे की मांग उठाई जा रही थी, लेकिन सरकार की ओर से भेजी गई मुआवजा राशि को परिजनों ने वापस लौटा दिया. 

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आज राजधानी जयपुर में आयोजित की गई मुस्लिम महापंचायत में मृतक मोहम्मद असगर के परिजनों को 21 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई. इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई. वही, विधायकों के खिलाफ स्थानीय लोगों में रोष दिखाई दिया.

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सरकार पर लगाए भेदभाव पूर्ण रैवया अपनाने के आरोप 

संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पप्पू कुरैशी ने महापंचायत को संबोधित करते गहलोत सरकार पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने के आरोप लगाए. .उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर हर मामले में मुस्लिम समाज के लोगों के साथ भेदभाव करती है. सरकार मुसलमानों के लिए योजनाओं की घोषणा कर वाहवाही तो लूटती है, लेकिन ये योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहती हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर वादाख़िलाफ़ी का आरोप लगाते हुए कुरैशी ने कहा कि, मो. असगर के परिवार को सहायता के लिए 10 अगस्त को मुख्यमंत्री ने वादा किया था, लेकिन फिर अपने वादे से मुकर गए.

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