Bhil Pradesh Demand: भील प्रदेश ही नहीं, पश्चिमी राजस्थान में कई दशकों से उठती रही है 'मरु प्रदेश' की मांग

अलग प्रदेश की मांग गाहे-बगाहे पश्चिमी राजस्थान से भी उठती रहती है. यह मांग है अलग 'मरु प्रदेश' की स्थापना. अलग मरु प्रदेश की यह मांग राजस्थान प्रदेश की नियोजन से ही शुरू हो गई थी. मरुप्रदेश निर्माण की परिकल्पना में इसी भू-भाग में 13 जिले-श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चुरु, बीकानेर, झुंझुनू, सीकर, नागौर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, पाली, जालौर और सिरोही शामिल हैं.

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मरु प्रदेश की मांग के पीछे यह तर्क है कि यहां का कल्चर सामान है

Maru And Bhil Pradesh Demand: राजस्थान में अलग प्रदेश बनाने की मांग अलग-अलग समय पर उठती रही है. यह कभी भील प्रदेश के नाम से तो कभी मरु प्रदेश बनाने की आहटें सुनाई देती रहती हैं.  गुरुवार को राजस्थान के बांसवाड़ा (Banswara)  जिले में आदिवासियों के ऐतिहासिक स्थल मानगढ़ धाम (Mangarh Dham) में अलग भील प्रदेश की मांग को लेकर महारैली हुई. भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) द्वारा बुलाई गई इस महारैली में लाखों लोगों का जुटान हुआ. 

बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत (Raj Kumar Roat) ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर इस रैली में ज्यादा से ज्यादा लोगों के जुटने की अपील की थी. बीएपी की बैनर तले हो रही इस महारैली में आदिवासी समाज के एक अलग राज्य भील प्रदेश बनाने की मांग की गई. इस भील प्रदेश में 4 राज्यों के 49 जिले शामिल किए जाने की बात की जा रही है. इस महारैली का नाम भील प्रदेश सांस्कृतिक महासम्मेलन दिया गया था.

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पश्चिमी राजस्थान में भी उठती रही है अलग राज्य की मांग 

ऐसी ही मांग गाहे-बगाहे पश्चिमी राजस्थान से भी उठती रहती है. यह मांग है अलग 'मरु प्रदेश' की स्थापना. अलग मरु प्रदेश की यह मांग राजस्थान प्रदेश की नियोजन से ही शुरू हो गई थी.

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मरुप्रदेश निर्माण की परिकल्पना में इसी भू-भाग में 13 जिले-श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चुरु, बीकानेर, झुंझुनू, सीकर, नागौर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, पाली, जालौर और सिरोही शामिल हैं. 

एक कल्चर, एक भाषा, एक प्रदेश  

इसके लिए समय-समय पर आंदोलन किये जाते रहे हैं. तर्क यह है कि यहां की बोली, पहनावा, रहन-सहन, संस्कृति सब एक है. इसलिए इन जिलों कोई मिलाकर एक अलग राज्य बना दिया जाए. 'मरु प्रदेश' बनाने की आवाज उठाने वाले मारवाड़ जागरण मंच के डॉक्टर गजेंद्र सिंह राठौड़ कहते हैं, ''हमारी मांग तो काफी पुरानी है. इसके हमारे अपने तर्क हैं. हम प्रशासनिक व्यवस्था और वित्तीय संसाधन प्रबंधन के चलते यह मांग कर रहे है.यह थार का इलाका है. हमारी बोली-भाषा एक है. ऐसे में मरू प्रदेश की मांग कोई गलत नहीं है. जिसके लिए आजादी से लेकर अब तक कई राजनेताओं ने प्रयास भी किए थे.'' 

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भील प्रदेश में किस राज्य के कौन-कौन जिले की मांग

  • गुजरात- अरवल्ली, महीसागर, दाहोद, पंचमहल, सूरत, बड़ोदरा, तापी, नवसारी, छोटा उदेपुर, नर्मदा, साबरकांठा, बनासकांठा और भरुचा

  • राजस्थान- बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बाड़मेर, जालौर, सिरोही, उदयपुर, झालावाड़, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां, पाली
  • मध्य प्रदेश- इंदौर, गुना, शिवपुरी, मंदसौर, नीमच, रतलाम, धार, देवास, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर
  • महाराष्ट्र- नासिक, ठाणे, जलगांव, धुले, पालघर, नंदुरबार, अलीराजपुर

राजस्थान के मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने भील प्रदेश की मांग नकारी

भारत आदिवासी पार्टी की भीलप्रदेश की मांग को राजस्थान के जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री और भाजपा के दिग्गज आदिवासी नेता बाबूलाल खराड़ी ने नकार दिया है. खराड़ी ने कहा कि हम सामाजिक समरसता में विश्वास रखते हैं. छोटे राज्य होना चाहिए, लेकिन जाति आधारित राज्य की मांग जायज नहीं है. हमारी तरफ से ऐसा प्रस्ताव केंद्र को नहीं भेजा जाएगा.

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