नरेश मीणा की रिहाई के लिए सिर पर कफ़न बांध कर सीकर में प्रदर्शन, जुटे सैंकड़ों लोग 

राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के जिला महामंत्री बाबूलाल मीणा ने कहा कि देवली उनियारा में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने गलती की, उसके लिए मीणा समाज उसके साथ नहीं है. लेकिन पहले जिसने मामले में गलती की है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

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Sikar News: राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के बैनर तले मीणा समाज के लोगों ने देवली-उनियारा विधानसभा के निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के खिलाफ थप्पड़ कांड के बाद की जा रही एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए आज सीकर शहर में रेलवे स्टेशन से जिला कलेक्ट्रेट तक आक्रोश रैली निकालकर प्रदर्शन किया. लोगों ने मामले में दोषी प्रशासन व पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग उठाई है. साथ ही देवली उनियारा से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की रिहाई की मांग भी रखी गई है.

''नरेश मीणा ने का थप्पड़ 'क्रिया की प्रतिक्रिया'

राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के जिला महामंत्री बाबूलाल मीणा ने कहा कि देवली उनियारा में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने गलती की, उसके लिए मीणा समाज उसके साथ नहीं है. लेकिन पहले जिसने मामले में गलती की है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एसडीएम ने एक विकलांग महिला से जबरन मतदान करवाया और तीन कर्मचारियों को सस्पेंड करने की धमकी दी.

''एसडीएम पर भी मुकदमा होना चाहिए''

नरेश मीणा ने तो गलत का विरोध करते हुए क्रिया की प्रतिक्रिया के रूप में अपराध किया है. निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मारा तो उस पर मुकदमा होना चाहिए लेकिन एसडीएम पर भी मुकदमा होना चाहिए. इतना कुछ होने के बाद भी आखिर कलेक्टर मौके पर क्यों नहीं पहुंची. उन्हें मौके पर पहुंचना चाहिए क्योंकि वह भी सरकार की नौकर है. अगर वह समय पर वहां पहुंच जाती तो मामला इतना गंभीर नहीं होता.

पुलिस ने समरावता में महिलाओं के साथ बर्बरता की

न्होंने कहा, ''नरेश मीणा की राजनीति खत्म करने के लिए भाजपा और कांग्रेस जिस मकसद से आगे बढ़ रही हैं. उसका मीणा समाज विरोध करता है. नरेश मीणा सिर्फ मीणा समाज का ही नहीं 36 कौम का चहेता है. पुलिस और प्रशासन ने समरावता में महिलाओं और आमजन के साथ भी बर्बरता की है.

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उन्होंने कहा मामले की न्यायिक जांच हो जिससे जो वास्तविक अपराधी है उसके खिलाफ कार्रवाई हो सके. अगर सरकार समय रहते मामले में उचित संज्ञान नहीं लेती है तो मीणा समाज की ओर से जिले, तहसील और गांव स्तर पर मीटिंग और जनसंपर्क कर प्रदेश में बड़े आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी. वही मामले में मानवाधिकार आयोग को भी लिखित में भेजा जाएगा.

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