Rajasthan: प्रदेश में बाड़मेर और उदयपुर के बाद सबसे ज्यादा मलेरिया के मरीज जैसलमेर में सामने आए हैं. जैसलमेर में ही 132 मलेरिया मरीजों की पुष्टि हुई है. निजी अस्पतालों में रोज 100 में से अधिक मरीज मलेरिया के मिल रहे हैं. निजी अस्पतालों में कार्ड से मलेरिया टेस्ट किया जाता है, जिसे सरकार नहीं मानती है. सरकारी अस्पतालों में स्लाइड टेस्ट किया जाता है, जिसे सरकार पुख्ता मानती है.
ओपीडी में रोज 1600 के करीब मरीज पहुंंच रहे
जैसलमेर मे जवाहर अस्पताल में इन दिनों मौसमी बीमारियों के साथ मलेरिया व डेंगू से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं. सामान्य दिनों में जवाहर अस्पताल की ओपीडी 800 से 900 के बीच रहती है, जो अब 1600 के करीब पहुंच चुकी है. सुबह से ही पर्ची काउंटर, ओपीडी, जांच काउंटर और मेडिकल स्टोर पर लंबी-लंबी लाइन लगी रहती है.
बच्चे भी डेंगू और मलेरिया की चपेट में
बुजुर्ग और युवाओं के साथ बच्चे भी मलेरिया और डेंगू के चपेट में आ रहे हैं. सरकारी आंकड़े के अनुसार पिछले साल जैसलमेर में 190 मलेरिया केस सामने आए थे. हालांकि निजी अस्पतालों को मिलाकर देखे तकरीब 500 से अधिक लोगों को मलेरिया हुआ था.
स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर कर रही सर्वे
सीएमएचओ ने बताया कि इस बार बारिश ज्यादा होने के कारण मच्छर बढ़ गए हैं. हालांकि, चिकित्सा विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है. एंटी लार्वा गतिविधियों के लिए शहर में 11 टीमें गठित की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में 222 आशा और एएनएम की टीमें तैनात किए गए हैं. घर-घर सर्वे किया जा रहा है. पानी के टंकी में टेमिफोस डाला जा रहा है. जलभराव वाले इलाकों में मच्छरों का खात्मा करने के लिए गंबूसिया मछलियां डाली जा रही हैं.
मलेरिया के लक्षण और बचाव
डॉ.रोहिताश गुर्जर ने बताया कि मच्छर जनित रोग मलेरिया में मच्छर के काटने पर इंसान के खून में पैरासाइट प्लाज्मोडियम पहुंच जाता है. कई बार मलेरिया संक्रमण इतना गंभीर हो जाता है कि इससे पीड़ित व्यक्ति की मौत तक हो जाती है. इसके लक्षणों में ठंड लगना, कंपकंपी के साथ बुखार, सिरदर्द आदि शामिल है. आमतौर पर इसका बुखार निश्चित समय पर आता है, जिसमें रोगी बुखार चढ़ने के बीच ठीक रहता है. जब मानसून में मलेरिया का सीजन चल रहा हो और यह लक्षण दिखाई दे तो सबसे पहले डॉक्टर को दिखाएं. पूरी बांह वाले और लम्बे कपड़े पहनें.फॉगिंग कराएं और आसपास साफ़-सफाई का ध्यान रखें. मच्छरों के प्रजनन स्थलों से बचने के लिए पानी का जमाव न होने दें.
डेंगू के लक्षण
डेंगू को लेकर डॉक्टर रोहिताश गुर्जर बताते हैं कि डेंगू भी बारिश के मौसम में लोगों को अधिक होता है. यह भी एक मच्छर-जनित संक्रमण है, जो एडिस मच्छरों के काटने से होता है. एडिस मच्छर दिन में काटते हैं. डेंगू में तेज बुखार, ठंड, सिरदर्द, बदन दर्द आदि शामिल हैं. डेंगू से ग्रस्त व्यक्ति के खून में प्लेटलेट्स काउंट कम हो जाते हैं. डिहाइड्रेशन भी हो सकता है, जिसके कारण कई गंभीर समस्याएं शुरू हो सकती है. बुखार लगातार बना रहता है.
डेंगू से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
डेंगू के मच्छर ठहरे हुए ताजे पानी में अधिक पनपते हैं, इसलिए पानी रखने वाले बर्तनों को ढंक कर रखें. समय-समय पर कूलर, बर्तनों में रखे पानी की सफाई करते रहें. डॉ.रोहिताश बताते है कि दोनों ही बीमारियों में लापरवाही भारी पड़ सकती है क्योंकि, अगर प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं तो बील्डिंग हो सकती है.
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