Tonk News: अच्छे मानसून के बाद अब अस्पतालों में डेंगू के साथ मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. टोंक के सआदत अस्पताल में हर रोज 3 हजार लोग इलाज के लिए आ रहे हैं. 275 बेड वाले इस अस्पताल में हर रोज करीब 500 से 700 मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. इसके कारण जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या 200 के पार पहुंच गई है.
40 हजार से कम प्लेटलेट्स फिर भी रिपोर्ट नेगेटिव
हालात ये हैं कि सआदत अस्पताल में एक पलंग पर दो से तीन मरीजों का इलाज चल रहा है. यहां तक कि अस्पताल परिसर में परिजनों के बैठने के लिए रखी गई बेंचों पर भी मरीज इलाज के लिए लेटे नजर आते हैं. हाल ही में यहां की लैब में डेंगू के 6 पॉजिटिव केस दर्ज हुए हैं. इस बार इन मामलों में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि प्लेटलेट्स रेट 40 हजार से कम होने के बावजूद मरीज की डेंगू रिपोर्ट निगेटिव आ रही है.
निशुल्क दवा काउंटर तक लगी कतारें
प्रतिदिन लगभग 3 हजार मरीज डॉक्टर्स को दिखा रहे है वही लेब से लेकर निशुल्क दवा काउंटर तक मरीजों ओर परिजनों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. ऐसे में तिमारदारों के परिजन भी इलाज में देरी होने के कारण अपना गु्स्सा स्टाफ पर निकालते हुए दिख जाते है.
सआदत अस्पताल में 275 बेड स्वीकृत
सआदत अस्पताल के साथ ही जनाना अस्पताल भी है. जिसमें लगभग 400 बेड अलग- अलग- वार्डों में लगे है लेकिन डॉक्टर्स से लेकर नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति केवल 275 बेड के हिसाब से ही है. ऐसे में जहां दोनों अस्पतालों में लगभग 80 डॉक्टर्स और 140 नर्सिंग स्टाफ ही तैनात है तो जाहिर है मरीजों को इलाज के दौरान स्टाफ दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.