गुप्त नवरात्रि की अष्टमी पर बांसवाड़ा के त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में दर्शन के लिए उमड़े भक्त

अष्टमी के दिन श्रद्धालुओं के द्वारा हवन कर पूर्णाहुति की गई और सुख समृद्धि और सुवृष्टि की कामना की और पुजारी गणेश के द्वारा मां का आकर्षक श्रृंगार किया गया.

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बांसवाड़ा जिले की प्रसिद्ध शक्तिपीठ त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में गुप्त नवरात्रि की अष्टमी पर आस-पास के क्षेत्रों से भक्तों का सैलाब माई के दरबार में दर्शन, पूजा अर्चना और आशीर्वाद लेने पहुंचा. प्रसिद्ध देवी मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में सुबह से ही माई के दरबार में भक्तों के पहुंचने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया था. राजस्थान सहित, गुजरात और मध्य प्रदेश से हजारों की संख्या में भक्त त्रिपुरा सुंदरी मां के जयकारे के साथ पहुंचे और माई के दर्शन का लाभ लिया.

गुप्त नवरात्रि की अष्टमी एवं रविवार होने से सुबह से ही माई  के दरबार में भक्त आने शुरु हो गए थे. निकट के जिले डूंगरपुर से आई महिला मंडल के द्वारा ज्योत प्रज्वलित कर भजन कीर्तन भी किए. आचार्य निकुंज मोहन पंड्या ने बताया कि गुप्त नवरात्र में मां की विशेष पूजा अनुष्ठान किए गए और नो दिन तक शष्ठी पाठ और यज्ञ किया गया.

अष्टमी के दिन श्रद्धालुओं के द्वारा हवन कर पूर्णाहुति की गई और सुख समृद्धि और सुवृष्टि की कामना की और पुजारी गणेश के द्वारा मां का आकर्षक श्रृंगार किया गया.

गुप्त नवरात्रि में करें ये उपाय

सुबह-शाम दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. दोनों वक्त की पूजा में लौंग और बताशे का भोग लगाएं. मां दुर्गा को लाल रंग के पुष्प ही चढ़ाएं. मां दुर्गा के विशिष्ट मंत्र 'ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चे' का सुबह-शाम 108 बार जप करें. गुप्त नवरात्रि में अपनी पूजा के बारे में किसी को न बताएं.

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गुप्त नवरात्रि के व्रत नियम

गुप्त नवरात्रि के दौरान मांस-मदिरा, लहसुन और प्याज का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए. मां दर्गा स्वयं एक नारी हैं, इसलिए नारी का सदैव सम्मान करना चाहिए. जो नारी का सम्मान करते हैं, मां दुर्गा उन पर अपनी कृपा बरसाती हैं. नवरात्रि के दिनों में घर में कलेश, द्वेष या अपमान नहीं करना चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से बरकत नहीं होती है.