अजमेर के 5 मद्दों पर धर्मेंद्र राठौड़ ने सरकार को घेरा, कहा- वासुदेव देवनानी भी अपनी सरकार से सवाल पूछ रहे

धर्मेंद्र राठौड़ ने अजमेर के अहम 5 मुद्दों पर वासुदेव देवनानी समेत सांसद भारीरथ चौधरी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि वह भी अब मजबूर हैं.

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Rajasthan News: अजमेर दौरे पर आए पूर्व RTDC अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा, पुष्कर सरोवर में दम तोड़ती मछलियों और पुरोहितों के आक्रोश, अजमेर में भीषण पेयजल संकट अजमेर के जनहित और कर्मचारी हितों के मुद्दों को लेकर भाजपा सरकार, स्थानीय मंत्रियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों को जमकर घेरा और उनकी कार्यशैली पर निशाना साधा. धर्मेंद राठौड़ ने कहा सनातन का दम भरने वाली भाजपा की डबल इंजन सरकार अजमेर में पूरी तरह फेल हो गई.

सनातन धर्मी को ब्रह्मा मंदिर की परवाह नहीं

बीजेपी की सरकार ने उदासीनता से पुष्कर सरोवर व धार्मिक नगरी की दुर्दशा कर दी. अजमेर से केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी, राजस्थान सरकार के पुष्कर विधानसभा से केबिनेट मंत्री सुरेश रावत और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी सहित बीजेपी के नेता और मंत्री  सनातन संस्कृति और मंदिरों की बात तो करते है. लेकिन इनको विश्व विख्यात जगत पिता ब्रह्मा मंदिर और सरोवर की कोई परवाह नहीं है. जिन्होंने सरोवर में दम तोड़ती मछलियों के समाधान के कोई कदम नहीं उठाए और पुष्कर वासियों से कोई लेना देना नहीं रखा.

अजमेर पेयजल संकट पर देवनानी भी सरकार से सवाल पूछ रहे

धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा कि अजमेर में भीषण पेयजल संकट है और अजमेरवासी पेयजल के लिए तरस रहे है. हैरत इस बात की है कि बीजेपी के नेता और मंत्री खुद पेयजल संकट को लेकर सवाल उठा रहे है, जबकि यह काम विपक्ष का है. उन्होंने कहा कि पेयजल संकट पर अजमेर उत्तर के विधायक और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और विधायक अनिता भदेल की पीड़ा सामने आई है.

विधानसभा ने विधायक अनिता भदेल ने जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी के समक्ष अजमेर की पेयजल समस्या का मुद्दा उठाया. जिस पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को भी यह कहने के लिए मजबूर होना पड़ा कि अजमेर में चार पांच दिनों के अंतराल में पानी आता है उसका भी समाधान किया जाए. आसन पर बैठे अध्यक्ष देवनानी ने भी कहा कि मंत्रीजी अजमेर शहर का मुद्दा है. अभी चार-पांच दिन में पानी आ रहा है. इस समस्या का जल्द समाधान करेंगे तो अजमेर की जनता आपको याद करेगी. 

कच्ची बस्तियों की नहीं परवाह

धर्मेंद्र राठौड़ ने अजमेर की 48 कच्ची बस्तियों का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि 48 कच्ची बस्तियों को एडीए डेढ़ दशक पूर्व ही नगर निगम को सौंपने का निर्णय ले चुका था. लेकिन निगम ने संसाधनों की कमी बताकर अपने हाथ खड़े कर लिए. निगम उपायुक्त ने एडीए सचिव को खत लिखकर निगम के मौजूदा संसाधनों एवं तकनीकी स्टाफ की कमी बताते हुए इन बस्तियों को लेने से इनकार कर हाथ खड़े कर दिए हैं, जिसका खामियाजा गरीब तबके के कच्ची बस्ती के लोगों को उठाना पड़ रहा है.

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खिलाड़ी विरोधी बीजेपी सरकार

राठौड़ ने खिलाड़ियों की चिंता करते हुए कहा के कि पटेल मैदान पर ताले लगाने व काम अधूरा होने के आधार पर खिलाड़ियों के लिए मैदान भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. हमारी सरकार ने खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए कई फैसले किए. लेकिन भाजपा सरकार की मानसिकता खिलाड़ी विरोधी नजर आ रही है. मेरी जानकारी में आया कि  फुटबॉल प्रतियोगिताओं के लिए अभ्यास नहीं हो पा रहा.

सरकारी कर्मचारियों का सरकार के खिलाफ आक्रोश

राठौड़ ने कहा कि राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के सरकारी कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है. रोडवेज के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है और प्रदेश के सफाई कर्मी भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर आंदोलन पर है. अजमेर माखुपुरा स्थित केंद्रीय रोडवेज कार्यशाला के कर्मचारी दो महीने से वेतन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ कार्य बहिष्कार कर रहे है. अजमेर के सफाई कर्मी भी हड़ताल पर है. लेकिन अजमेर मंत्रियों और सरकार को कर्मचारियों की चिंता नही है.

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