कपड़े और पॉलीथिन में लिपटा मिला 2 घंटे का नवजात, सुबह घूमने गए लोगों की रोते बच्चे पर पड़ी नजर

डॉक्टर ने बताया कि नवजात जन्म के 2 से 3 घंटे के भीतर ही उसे लावारिस छोड़ दिया गया था. बेहतर इलाज के लिए बच्चे को अजमेर के अस्पताल रेफर किया गया है.

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लावारिश नवजात बच्चे का ईलाज

Rajasthan News: 9 महीने बच्चे को पेट में पालने के बाद बच्चे को लावारिश छोड़ जाना मानवता को शर्मसार कर देने वाली बात है. डीडवाना जिले के बोरावड़ कस्बे में शनिवार की सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. गणेश डूंगरी क्षेत्र में सुबह टहल रहे लोगों को एक नवजात शिशु के रोने की आवाज सुनाई दी. पास जाकर देखा तो कपड़े और पॉलीथिन में लिपटा एक नवजात शिशु मिला, जिसके ऊपर एक बड़ा पत्थर रखा था.

ग्रामीणों ने नवजात को पहुंचाया अस्पताल

स्थानीय लोगों ने तुरंत पत्थर हटाकर नवजात को सुरक्षित निकाला. बच्चे को जीवित और स्वस्थ देखकर उन्होंने राहत की सांस ली. तुरंत मकराना पुलिस और बोरावड़ के राजकीय चिकित्सालय को सूचना दी गई. ग्रामीणों ने बच्चे को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉ. सुनील कुमार विश्नोई ने उसका प्राथमिक उपचार शुरू किया.

जन्म के बाद ही छोड़ दिया लावारिस

डॉ. सुनील विश्नोई ने बताया कि नवजात पूरी तरह स्वस्थ है और जन्म के 2 से 3 घंटे के भीतर ही उसे लावारिस छोड़ दिया गया था. बेहतर इलाज के लिए बच्चे को अजमेर के अस्पताल रेफर किया गया है. डॉक्टर की त्वरित कार्रवाई से बच्चे की जान बच गई, जो अब सुरक्षित है.

मकराना थाना अधिकारी सुरेश कुमार सोनी ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया. पुलिस ने आसपास के क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है, ताकि बच्चे को छोड़ने वाले अज्ञात व्यक्ति की पहचान हो सके.

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